ऑक्सीजन की किल्लत से बहुत सारे लोगों की मौत हो चुकी है। आज लगभग हर अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर बड़ी समस्या सामने आ रही है। सरकार विदेशों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगा रही हैं ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की जा रही है। लेकिन कालाबाजारी के चलते सरकार की व्यवस्थाएं फेल होती नजर आ रही हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश के छोटे कस्बों और गांव में ऑक्सीजन की व्यवस्था ठीक है परंतु महानगरों में ऑक्सीजन की कालाबाजारी के चलते कई हजारों में ऑक्सीजन के सिलेंडर बिक रहे हैं। प्रदेश के आबकारी व गन्ना विकास की साझेदारी में प्रदेश के सभी जिलों के ग्रामीण इलाकों में स्थित सरकारी अस्पतालों में 35 से 40 बेड के मरीजों के लिए आक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू हो गया है। बताया जा रहा है शुरुआत में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार और पश्चिम उत्तर प्रदेश के 2 जिलों में ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जाएंगे।
इन जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
- देवरिया
- गोरखपुर
- बस्ती
- बहराइच
- कासगंज
- हाथरस
अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने यह जानकारी देते हुए उम्मीद जताई कि अगले एक सप्ताह में इन जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या संयुक्त जिला चिकित्सालय या महिला अस्पताल में 35 बेड पर आक्सीजन प्लांट लगा दिए जाएंगे। बिजली जाने पर यह प्लांट 40 किलोवाट के जेनरेट से चलेंगे। आक्सीजन प्लांट लगाने के इस अभियान में आबकारी और गन्ना विकास विभाग दोनों का बजट खर्च होगा। उन्होंने बताया कि ऐसे आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए इन सरकारी अस्पतालों में जेनरेट, पाइपलाइन आदि बिछाने का भी काम किया जाएगा।