देश में पूर्ण व्यापी लॉकडाउन लगने से बहुत सारी व्यवस्थाएं ठप होने लगी थी। देश की राजधानी दिल्ली में कब चलाने वाले चालकों के जीवन में भी अब कठिनाई आने लगी है। लॉकडाउन के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं हुआ और अब दोबारा लॉकडाउन लगने से उनकी स्थिति और ज्यादा बिगड़ रही है। हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार चालकों का यह मानना है कि कैब की किस्त भरने का,ईंधन भरवाने तक का पैसा नहीं है, हमें घर चलाने के लिए अब कोई दूसरा धंधा ढूंढना होगा।
कैब चलाने वाले कमलजीत गिल के परिवार में मां, पत्नी, दो बच्चे और दो छोटे भाई व बहन हैं। कमलजीत का कहना है कि वह घर में अकेले कमाने वाले हैं, लेकिन अब उनके पास भी काम नहीं है। कमलजीत बताते हैं कि कमाई खत्म हो गई है जबकि रोजमर्रा का खर्च पहले की तरह बना हुआ है। कैब की किस्त देनी है। सालाना रोड टैक्स समेत कई खर्च हैं जिन्हें टाला नहीं जा सकता। बच्चों की फीस, मां की दवा, यह सब कहां से लाऊं। ऐसा भी नहीं है कि हालात तुरंत सुधर जाएंगे। ऐसे में काम बदलने के अलावा उन्हें रास्ता नहीं सूझ रहा है। परिजन भी चिंतित रहते हैं। सभी जगह नकारात्मक माहौल बना हुआ है। प्रशासन को चाहिए कि हमारी सुध ले।
चालकों को निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
कॉल सेंटर तथा दफ्तर बंद होने के कारण बहुत कम सवारिया मिल रही है। क्योंकि किसी और राज्य सरकारों को देने वाला टेक्स से अभी तक चल रहा है उस पर सरकार ने किसी भी तरह की कोई राहत कैब वालों को नहीं दी है। कंपनियों ने चालकों का कमीशन भी घटा दिया है। एयरपोर्ट तथा बॉर्डर्स पर टोल टैक्स देना पड़ता है और वही आमदनी घटती जा रही है। ईंधन का मूल्य प्रतिदिन बढ़ रहा है और सरकार राहत देने के मूड में नहीं है। इस तरह की बहुत सारी समस्याएं हैं जो इन कैब चालकों के लिए हम समस्याएं बन रही है और इसी कारण भी लोग यह धंधा छोड़ना चाहते हैं।