21 अप्रैल को रामनवमी है और राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद इस बार की रामनवमी काफी भव्य होने वाली थी। पूरा प्रशासन 21 अप्रैल को भव्य रामोत्सव मनाने की तैयारी में था। लेकिन प्रदेश में और अयोध्या में बढ़ते हुए संक्रमण के मामलों ने प्रशासन की सभी तैयारियों पर पानी फेर दिया है। प्रशासन ने साफ कह दिया है इस बार की रामनवमी में केवल मंदिर समिति के लोग उपस्थित होंगे आम जनता नहीं उपस्थित हो सकेगी। पिछले साल 2020 में भी लॉकडाउन के कारण रामनवमी भव्यता से मनाई नहीं जा सकी थी। और अब यह दूसरा अवसर है जब भगवान राम के जन्मोत्सव पर राम नवमी का मेला अयोध्या में नहीं लगेगा।
राम मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास का कहना है कि बहुत सीमित संख्या में लोग राम मंदिर का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। उन्हें पांच पांच के बैच के साथ ही अंदर भेजा जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में यह बात जाहिर तौर पर कही जा सकती है इस बार की रामनवमी केवल प्रतीकात्मक रूप से मनाई जाएगी।
महंत राज कुमार दास ने भी रामनवमी के भव्य कार्यक्रम के बारे में कहा कि जान है तो जहान है, जब श्रद्धालु ही नहीं रहेंगे तो मंदिर में पूजा अर्चना करने कौन आएगा? इसीलिए केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए सभी लोग अपने घरों में ही रामनवमी बनाएं।