देशभर में कोविड-19 महामारी ने विकराल स्थिति पैदा करके रख दी है, जिस वजह से अब परिवार के सदस्यों ने ही घर के बड़ों से मुंह मोड़ना शुरू किया हैं। ऐसा ही एक शर्मनाक मामला राजस्थान के सिरोही से सामने आया है, जहां एक वृद्ध महिला के मृत्यु के बाद उसके अपने सगे बेटे ने अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया और अपनी मां का साथ छोड़ दिया है। वहीं जब इस मामले की जानकारी पड़ोसियों को मिली तो उन्होंने इंसानियत दिखाते हुए नगर निगम वालों को महिला की मौत के बारे में जानकारी दी। वहीं नगर निगम वालों ने भी जिम्मेदारी उठाते हुए महिला का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भले ही नगर निगम ने महिला के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ले ली। परंतु जब महिला के शव को श्मशान घाट उठाने के लिए जो गाड़ी आई उसे देखकर हर किसी का दिल पसीज गया। दरअसल नगर निगम वालों ने महिला के शव को श्मशान घाट पहुंचाने के लिए उस गाड़ी का इंतजाम किया था, जो घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करती है। बता दे कैसे भी करके महिला के शव को श्मशान घाट ले जाया गया और पूरे रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं इस अंतिम संस्कार में नगर निगम वालों ने वृद्ध महिला के बेटे को भी जबरदस्ती शामिल किया।
हम आपको बता दें इस घटना के बारे में जब मृत महिला के पड़ोसियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि महिला अपने घर में अकेली रहती थी और उसका बेटा बाहर नौकरी करता था। अभी कोविड-19 के कारण कुछ समय पहले ही अपने परिवार के साथ मां के पास आया था। परंतु वृद्ध की उम्र अधिक हो गई थी। इस वजह से उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन परिवार को करोना का डर था। इसलिए अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर जब कचरे की गाड़ी के बारे में नगर निगम वालों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महिला के शव को उठाने के लिए उनके पास एंबुलेंस नहीं था, इसलिए जो भी मिला उसी से सारे इंतजाम किए गए।