कोरोना संक्रमण के भीषण काल में सबसे ज्यादा परेशानी है यदि किसी ने शहर की है तो वह देश का मजदूर और गरीब वर्ग है। अब बिहार के श्रमिकों के लिए भारत सरकार एक बड़ा कदम उठाने के बारे में विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि अब बिहार के श्रमिकों को किसी भी इलाज के लिए परेशान नहीं होना होगा। श्रम संसाधन विभाग में निबंधित श्रमिकों को केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाएगा। जिसके तहत 500000 तक का मुफ्त इलाज किया जाता है।बिहार में यूं तो श्रमिकों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन श्रम संसाधन विभाग में करीब 15 लाख श्रमिक निबंधित हैं। यह भवन निर्माण सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोग हैं।
बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड से निबंधित इन श्रमिकों को अभी तक राज्य सरकार हर साल तीन हजार रुपए बतौर चिकित्सा अनुदान देती है। यह राशि सीधे उनके खाते में भेजी जाती है। परंतु किसी भी चिकित्सा की समस्या के दौरान यह 3000 रूपये बहुत अधिक नहीं होते हैं। आजकल की भीषण बीमारियों के लिए इतने रुपए से कोई इलाज नहीं हो पाता। श्रमिकों की इन्हीं दुश्वारियों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है।
निबंधित श्रमिकों के आयुष्मान भारत योजना से जोड़े जाने से जहां श्रमिक परिवारों को लाभ होगा। अब इन श्रमिकों को इलाज के लिए किसी पर भी निर्भर नहीं होना होगा, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के कोष से बोझ कम होगा। श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि विभाग से निबंधित करीब 15 लाख श्रमिकों को आयुष्मान योजना से जोड़ने की तैयारी कर ली गई है। जल्द इसकी शुरुआत होगी। श्रमिकों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा से आच्छादित किया जाएगा।