बीजापुर ग्रामीणों से जानिए, कैसे उन्हें नक्सलियों ने घर छोड़ने के लिए किया मजबूर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और देश के जवानों के बीच में तकरीबन 4 घंटे तक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें देश के 22 जवान शहीद हो गए और तकरीबन 31 जवान बुरी तरह से जख्मी हो गए, जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है। एक ओर इस मुठभेड़ से जहां हमने देश के जवानों को खोया था।

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चित्र साभार: ट्विटर @ANI

शनिवार की दोपहर में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और देश के जवानों के बीच में तकरीबन 4 घंटे तक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें देश के 22 जवान शहीद हो गए और तकरीबन 31 जवान बुरी तरह से जख्मी हो गए, जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है। एक ओर इस मुठभेड़ से जहां हमने देश के जवानों को खोया था। वहीं दूसरी ओर वहां के तेकुलागुडेम गांव के लोग भी इस मुठभेड़ के बाद अपने घर को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे, लेकिन अब मामला शांत होते ही वह धीरे-धीरे करके अपने घर वापस लौट रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजापुर के तेकुलागुडेम गांव के निवासियों ने मीडिया वेबसाइट से बात करके उस खौफनाक के दिन के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे नक्सलियों ने बंदूक के दम पर उन्हें अपना घर छोड़ने के लिए बुरी तरह से मजबूर कर दिया था। बता दे वहां की स्थानीय निवासियों ने अपने बयान में कहा, उस दिन सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक उन्होंने नक्सलियों को बंदूक के साथ आते देखा, जिस वजह से वह समझ गए कि कुछ बड़ा होने वाला है। फिर अचानक से गोलियों की आवाज आई, जिसके बाद पूरा गांव अपने सामानों को लेकर ट्रक में बैठकर दूसरे गांव में जाकर रहने लगा हैं, लेकिन अब वह ज्यादा दिनों तक अपना घर खुला नहीं छोड़ सकते थे, इसलिए धीरे-धीरे करके वापस लौट रहे हैं। ”

हम आपको बता दें गांव के कुछ लोगों ने यह भी कहा कि मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है, क्योंकि पुलिस लगातार उनसे नक्सलियों के बारे में पूछताछ कर रही है और उन्हें अभी भी नक्सलियों का डर सता रहा है। लेकिन वह अब अपने घर वापस आ चुके हैं और उन्हें पुलिस पर पूरा भरोसा है कि वह नक्सलियों को जल्द पकड़ लेंगे। बता दे शनिवार की दोपहर में नक्सलियों और जवानों के बीच में जमकर मुठभेड़ हुई थी, जिसमें देश ने अपने 22 जवानों को खो दिया था। इसके बाद खुद देश के प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

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