रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे कर्मचारियों को लिखा भावुक पत्र, लॉकडाउन के दौरान किए गए कार्यों का भी किया वर्णन

लॉकडाउन के दौर में अपने कार्य को पूरी शक्ति के साथ करने वाले रेलवे विभाग के कर्मचारियों तथा उनके परिवार को पीयूष गोयल ने एक पत्र लिखा है।उन्होंने ट्रेनों की पटरी से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सबकी भूमिका को याद किया। मंत्रालय की पिछले सालभर की कठिन यात्रा के दौरान कोविड-19 की आपदा में अपनों के खोने पर दुख जताते हुए गोयल ने कहा कि हम उन्हें भुला नहीं सकते हैं।

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हम सभी जानते हैं भारतीय रेल सदैव हुई भारत की लाइफ लाइन बनी रही है। प्रतिदिन करोड़ों लोग इन्हीं ट्रेनों से सफर करते हैं और अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। लॉकडाउन के समय में इन्हीं रेलगाड़ियों की मदद से बहुत सारे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया गया था। भारत के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे विभाग के इन्हीं कार्यों को लेकर एक भावुक पत्र रेलवे कर्मचारियों को लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “जब पूरा विश्व ठहर गया था, तब रेलवे कर्मचारियों ने एक दिन की भी छुट्टी लिए बगैर अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। उसी का नतीजा है कि देश की अर्थव्यवस्था का पहिया चालू रखा जा सका। देश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में, बिजली घरों को कोयला पहुंचाने, किसानों के लिए फर्टिलाइजर अथवा उपभोक्ताओं के लिए देश के सुदूर क्षेत्र तक खाद्यान्न आपूर्ति करने में रेलवे की भूमिका अहम रही है।”

अपने पत्र मेंरेल मंत्री ने यह भी लिखा,”कोविड के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में देश हमेशा रेलवे के योगदान को याद रखेगा। आपकी प्रबल इच्छाशक्ति की वजह से ही हम इस संकट को एक अवसर में बदलने में कामयाब हुए। गोयल ने कहा कि 4,621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 63 लाख से अधिक फंसे हुए नागरिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। लाकडाउन के समय कई सारे प्रतिबंधों के बावजूद सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से संबंधित 370 प्रमुख काम संपन्न किए गए। देश में पहली बार ‘किसान रेल’ सेवा हमारे अन्नदाताओं को बड़े बाजारों से जोड़ने की सूत्रधार बनी। रेल कर्मचारियों की सेवा से ही इसे संभव बनाया और लोगों के दिलों को छुआ।”

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय ट्रेनों की गति में सुधार के साथ-साथ परिचालन दक्षता के लिए कई कदम उठा रहा है। मालगाड़ियों की औसत रफ्तार 44 किमी प्रति घंटे हो गई है, जबकि यात्री ट्रेनें बिल्कुल समय पर पहुंचने लगी हैं। पिछले दो वर्षों में यात्री मृत्यु दर शून्य रही। रेल परिवार को धन्यवाद देते हुए गोयल ने कहा कि अपनी इसी टीम के साथ हम लगातार रिकॉर्ड तोड़कर लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। अपने प्रदर्शन से दूसरों के लिए उदाहरण बनेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देंगे।

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