हमारे देश में कई ऐसे पवित्र स्थान और मंदिर है, जो अपने चमत्कार के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इन रहस्यमई मंदिरों के दर्शन करने के लिए हर साल देश-विदेश से लाखों लोग श्रद्धालू आते है और यहाँ आने वाले सभी दर्शनार्थियों की मनोकामना भी अवश्य पूरी होती है। भारत में भगवान शिव के प्राचीन मंदिर और शिवलिंग कोने-कोने मौजूद है। प्रत्येक शिवलिंग को लेकर अलग मान्यता और पौराणिक कथाएं प्रचलित है। आज हम आपको एक भगवान शिव के एक ऐसे अद्भुत धाम के बारे में बताएंगे, जहाँ मौजूद शिवलिंग (Achaleshwar Mahadev) दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है।
दिन में तीन बार बदलता है शिवलिंग का रंग
राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर की बेहद मान्यता है। यहाँ मौजूद शिवलिंग के दर्शन के लिए रोज़ाना भक्तों की लंबी कतारें दिखाई देती है। इस शिवलिंग की खास बात ये है कि यह दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। सुबह के समय शिवलिंग लाल रंग का दिखाई देता है। दोपहर में शिवलिंग केसरिया रंग में तब्दील हो जाता है और शाम होने तक वही शिवलिंग श्याम यानी सांवले रंग का दिखाई देने लगता है।
शिवलिंग का नहीं है कोई अंत
इस शिवलिंग के रहस्य को जानने के लिए पुरातत्व विभाग और स्थानीय लोगों ने बहुत कोशिशें की, लेकिन आज तक इस चमत्कार के पीछे की गुत्थी सुलझ नहीं पाई। कहा जाता है कि यह शिवलिंग अकृत्रिम है और यह धरती के नीचे से स्वयं ही प्रकट हुआ था। लोगों ने शिवलिंग का राज जानने के लिए इसकी खुदाई करनी भी शुरू की थी। लेकिन आश्चर्य वाली बात ये है कि कई दिनों की खुदाई के बाद भी शिवलिंग का अंत नहीं मिला और इसके बाद खुदाई रोक दी गई।
मनवांछित जीवनसाथी की होती है प्राप्ति
अचलेश्वर महादेव (Achaleshwar Mahadev) मंदिर के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालू इस तीर्थधाम की यात्रा करते है। यहाँ आने वाला भक्त यदि सच्चे दिल से कुछ मांगे, तो उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। मुख्य तौर पर यह मंदिर मनवांछित जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए प्रचलित है। यदि कोई अपनी पसंद की शादी करना चाहता है या फिर किसी व्यक्ति की शादी में अड़चने आ रही है तो एक बार इस धाम की यात्रा से सभी समस्याएं दूर हो जाएगी।