एयर इंडिया को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे आई टाटा और स्पाइसजेट, अन्य सभी बोलियां हुई ख़ारिज

सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया को खरीदने का कार्यक्रम शुरु हो चुका है। अब तक बहुत सारी कंपनियों की बोलियों को खारिज कर दिया गया है। और बोली लगाने की दौड़ में केवल टाटा और स्पाइसजेट कंपनी का नाम शामिल है।

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सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया को खरीदने का कार्यक्रम प्रारंभ है और इसके लिए कई सारी कंपनियों ने बोलियां लगाई है। लेकिन बताया जा रहा है की टाटा और स्पाइसजेट को छोड़कर सभी बोलियों को खारिज कर दिया गया है। मूल्यांकन करने के बाद बहुत सारी बोलियों को खारिज कर दिया गया। तथा जिन बोलीकर्ताओं की प्रतिक्रिया से सरकार सहमत हुई उनमें टाटा और स्पाइसजेट कंपनी का नाम शामिल है। दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे ने हाल में बताया था कि एयर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश के लिए कई ईओआइ मिले हैं। पात्रता एवं अन्य मानकों पर परखने के बाद इन पर निर्णय होगा। एयर इंडिया में विनिवेश की प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में इच्छुक बोलीकर्ताओं से ईओआइ मंगाए गए हैं। दूसरे चरण में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल और पारदर्शी तरीके से बोली की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

एयर इंडिया की उड़ानों की सहायता से ही उतर-पूर्व, लद्दाख, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दूर-दराज क्षेत्रों को आर्थिक तथा सामाजिक मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। घाटे ओर कर्ज में फंसी एयर इंडिया को खरीदने की दौड़ में टाटा समूह और एयर इंडिया के कर्मचारियों का समूह भी शामिल है। साल 2013 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा था कि जब भी एयर इंडिया का निजीकरण होगा तो इस पर विचार करने में (टाटा) समूह को खुशी होगी। सरकार द्वारा तय शर्त के अनुसार इस एयरलाइन के लिए बोली लागने वाले के पास कम से कम 3500 करोड़ रुपये की शुद्ध परिसम्पत्ति होनी चाहिए।

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