प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर जगह और हर चीज में सरकार की दखलंदाज़ी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि सरकार के दखलंदाज़ी के बाद समस्या और भी जटिल हो जाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि इस साल केंद्र और राज्य स्तर के 6,000 से अधिक कारोबारी नियमों (अनुपालन) को कम किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि देश के नागरिकों पर से नियमों के पालन का बोझ घटना चाहिए और केंद्र की वर्तमान सरकार इस बात को लेकर बहुत गंभीर है।
पीएम मोदी ने डिजिटल इंडिया के स्वरूप का जिक्र करते हुए कहा कि देश में अब टेक्नोलॉजी आ गई है और अब यही सही वक़्त है कि नियमों में बदलाव किया जाए, और बार-बार फॉर्म भरने की प्रक्रिया से लोगों को छुटकारा मिलना चाहिए।
आपको बता दे कि आज पीएम मोदी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार कार्य कर रही है और कोशिश में है कि देश के नागरिकों का भरोसा जीता जाए तभी देश आगे बढ़ेगा। इसलिए स्व नियामक, स्व सत्यापन और स्व प्रमाणीकरण पर जोर दिया जा रहा है। बजट में पीएलआइ स्कीम से जुड़ी योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये के प्रविधान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पीएलआइ स्कीम द्वारा ही आने वाले पांच वर्षों के दौरान देश में लगभग 520 अरब डॉलर यानी लगभग 40 लाख करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादन का अनुमान है।