जम्मू कश्मीर में हुए एकजुटता बैठक के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं और सोनिया गाँधी व राहुल गाँधी के बीच उत्त्पन दरार धीरे-धीरे काफी बड़ी होती जा रही है। G-23 बैठक के बाद से ही जारी अंदरूनी कलह अब खुल कर सामने आ रही है। इसका नतीजा यह हुआ है कि कुछ कांग्रेसी नेता खुल कर गुलाम नबी आजाद का विरोध कर रहे है, और सड़क पर उतर कर नारेबाजी भी करने से परहेज नहीं किया है। कांग्रेसी नेताओं ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का पुतला भी फूंका और कहा कि वो पार्टी विरोधी कार्य में संलिप्त है।
गुलाम नबी आजाद पार्टी विरोधी कार्य कर रहे है: कांग्रेसी नेता
जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी कार्यकर्ता के अनुसार जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद लगातार देश के पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ़ में कसीदे गढ़ रहे हैं, जबकि पीएम मोदी के कारण ही राज्य से धारा 370 हटा और इसके हटने से राज्य की जनता का विकास रुक गया है। ऐसे में पार्टी कभी भी गुलाम नबी आजाद द्वारा कि गई गलती को माफ नहीं करेगी। और आज इसी कारण से गुलाम नबी आजाद का विरोध किया गया हैं और उनका पुतला भी जलाया गया है।
Congress workers raise slogans against Ghulam Nabi Azad and burn his effigy in Jammu. They say, "Congress held him in high esteem but today when it's time to support it, he forged friendship with BJP. He didn't come for DDC election campaigning but now he's here, praising PM." pic.twitter.com/cqn3XhxfeP
— ANI (@ANI) March 2, 2021
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ही जम्मू कश्मीर में पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस सम्मेलन के दौरान कई कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेसी आलाकमान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी तो वहीं इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुलाम नवी आजाद ने कहा था कि गांधी जी आज नहीं है, लेकिन उनकी सोच, विचारधारा और उनके विचार आज भी हमारे साथ है और मैं आज भी उनकी विचारधारा पर चल रहा हूं। उन्होंने कहा था, ‘मेरे सामने कोई धर्म, कोई जाति और कोई उच्च नीच का सवाल पैदा नहीं होता। सीएम या मंत्री बना तो एक ही बात की थी, अपने अधिकारियों को कहा था कि किसी से भी कोई इस बुनियाद पर भेदभाव न करें।