रेप के आरोपी से चीफ जस्टिस ने पूछा, पीड़िता से शादी करोगे, या फिर…

सुप्रीम कोर्ट में रेप मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने आरोपी के सामने प्रस्ताव देते हुए कहा कि या तो वह पीड़िता से शादी करें या फिर जेल की हवा खाए, जिसके बाद कोर्ट में काफी देर तक इस मामले पर बहस हुई है।

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सुप्रीम कोर्ट में एक सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए रेप मामले की सुनवाई चल रही थी, जिसमें कोर्ट ने कर्मचारी को यह प्रस्ताव दिया कि वह या तो लड़की से शादी करें, या फिर जेल की सलाखों के पीछे रहे, क्योंकि अदालत बिना शादी के उसे जमानत नहीं देने वाली है।

दरअसल यह सारा मामला रेप का है, जहां एक सरकारी कर्मचारी ने स्कूली बच्ची से रेप किया था, जिसके बाद पीड़िता के मां-बाप ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उसे गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन बाद में आपसी सहमति के कारण पीड़िता के परिवार ने आरोपी के सामने शादी का प्रस्ताव दिया था। हालांकि बाद में पीड़िता की ओर से यह प्रस्ताव ठुकरा दिया गया लेकिन, बाद में किसी कारणवश युवती भी मान गई।

खबरों के अनुसार जस्टिस एसए बोबडे ने  आरोपी के वकील को फैसला सुनाते हुए यह कहा था कि बच्ची जब 18 साल की हो जाएगी, तब आरोपी और उसकी शादी करा दी जाएगी, लेकिन जैसे ही बच्ची 18 वर्ष की हुई। आरोपी ने शादी करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद पीड़िता के परिवार ने आरोपी खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद एक बार फिर से कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और जस्टिस एस ए बोबडे ने आरोपी के वकील को अपना फैसला दोहराते हुए पूछा, “क्या आपके मुवक्किल पीड़िता से शादी करेंगे? जिसके जवाब में वकील ने कहा कि वह अपने क्लाइंट से पूछकर बताएगा।

हालांकि वकील अपनी दलील में यह भी कहा कि अगर उसके क्लाइंट को जेल होती है, तो उसकी नौकरी चली जाएगी, जिसके जवाब में जज ने कहा कि ऐसा उन्हें एक बच्ची के साथ रेप करने से पहले सोचना चाहिए था कि वह सरकारी कर्मचारी हैं।

हम आपको बता दें चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में साफ रूप से आरोपी से यह कहा कि कोर्ट किसी पर भी शादी का दबाव नहीं डाल रही है, अगर उसकी इच्छा होगी तो वह शादी कर सकता है. नहीं तो आगे जाकर आरोपी आप यह भी कह सकता है कि कोर्ट के दबाव में उसने युवती से शादी की थी। हालांकि कोर्ट ने अभी साफ कहा कि जब तक आरोपी को चार हफ्ते तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन वह रेगुलर बैल की अप्लाई कर सकता है।

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