प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने छात्रों से बात की वहीं तमिलनाडु की मातृभाषा की तारीफ भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने परीक्षा देने वाले छात्रों से अनुरोध किया कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में ना आए वहीं परीक्षार्थियों के अभिभावकों को भी कई सलाह दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल काल के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की सलाह दी। पीएम ने कहा कि 2 गज की दूरी और मास्क पहनने का ध्यान हमें सदैव रखना होगा।
आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की कुछ प्रमुख बातें:
मार्च में होने वाली ‘परीक्षा पे चर्चा’ से पहले मेरी आप सभी exam warriors से, अभिभावकों से, और अध्यापकों से, अनुरोध है कि अपने अनुभव, अपने टिप्स ज़रूर शेयर करें। आप MyGov पर शेयर कर सकते हैं। NarendraModi App पर share कर सकते हैं: पीएम मोदी
मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा – तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया। यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। बहुत से लोगों ने मुझे तमिल साहित्य की गुणवत्ता और इसमें लिखी गई कविताओं की गहराई के बारे में बहुत कुछ बताया है: पीएम मोदी
जब दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को पहुंचते हुए देखते हैं, तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है। जब आसमान में हम अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजियां खाते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, भारत में बनी मिसाइलें, हमारा गौरव बढ़ाते हैं, जब समृद्ध देशों में हम मेट्रो ट्रेन के मेड इन इंडिया कोच देखते हैं। मैं ये भी कहूंगा कि आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है – अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत, सिर्फ एक सरकारी अभियान न रहकर एक नेशनल स्पिरिट बन जाता है।: प्रधानमंत्री मोदी
एक समय था जब गाँव में कुएं, पोखर, इनकी देखभाल, सब मिलकर करते थे, अब ऐसा ही एक प्रयास, तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में हो रहा है। यहाँ स्थानीय लोगों ने अपने कुओं को संरक्षित करने के लिये अभियान चलाया हुआ है।ये लोग अपने इलाके में वर्षों से बंद पड़े सार्वजनिक कुओं को फिर से जीवित कर रहे हैं। मैं ये भी कहूंगा कि आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है – अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत, सिर्फ एक सरकारी अभियान न रहकर एक नेशनल स्पिरिट बन जाता है।: प्रधानमंत्री मोदी