परिवहन विभाग लगातार देश के परिवहन व्यवस्था को सुधारने का काम कर रहा है। लेकिन उसके बावजूद भी कहीं ना कहीं असर दिखाई देता है कि परिवहन विभाग भ्रष्टाचार में डूबता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ भारत के लोग ही परिवहन के नियमों का पालन करना नहीं चाहते। कुछ समय पहले ही नितिन गडकरी के नेतृत्व में बहुत सारे ऐसे कड़े नियम बनाए गए थे जिससे देश में प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके लेकिन एक महीने तक प्रभावी रहे बे कानून आज के दौर में केवल एक रद्दी के तौर पर रखे हुए दिखाई दे रहे हैं। हर चौराहे हर मोड़ पर लोग परिवहन के नियमों का उल्लंघन करते हैं और कहीं-कहीं परिवहन विभाग के अधिकारी रिश्वत लेकर उन लोगों को छोड़ देते हैं।
इसी बीच बताया जा रहा है कि अब परिवहन पुलिस की बॉडी पर केमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा परिवहन विभाग अपने पूरे विभाग को डिजिटल बनाने की कोशिश में है। बॉडी कैमरे के द्वारा जो रिकॉर्डिंग होगी उसे न्यायालय में बतौर सबूत पेश किया जाएगा। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि इस योजना से चौराहों तथा अन्य स्थानों पर परिवहन विभाग के अधिकारियों के द्वारा की जाने वाली अवैध वसूली को भी काबू में लाया जा सकेगा।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निगरानी व प्रवर्तन व्यवस्था की खास बात यह होगी कि लाल बत्ती पार करना, ओवर स्पीड, गलत पार्किंग, सीट बैल्ट, हेलमेट, मोबाइल पर बात करने जैसे ट्रैफिक नियमों को तोड़ने की घटना की वीडियो-ऑडियो रिकॉर्डिंग को अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा। जब यह सबूत अदालत के सामने पेश होंगे तो आरोपी के पास अपने गुनाह को कुबूल करने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं बचा होगा।