गैस के दामों को लेकर राहुल का केंद्र को घेरना पड़ा महंगा, 2013 के गैस के दामों ने तोड़ा था रिकार्ड!

देशभर में गैस के दामों में ₹50 की बढ़ोतरी हुई है , जिस वजह से केंद्र के फैसले की काफी आलोचना हो रही है, लेकिन सिर्फ बात विपक्ष की करी जाए तो उनके दावों में किसी को भी दम नजर नहीं आ रहा है। दरअसल साल 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी, उस समय गैस के दामों की कीमत अभी के दामों से अत्यधिक थी।

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केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में गैस सिलेंडर के दामों में ₹50 की बढ़ोतरी की गई है, जिस वजह से विपक्ष पीएम मोदी समेत बीजेपी पर निशाना साधने का एक मौका नहीं छोड़ रहा है। हालांकि केंद्र के इस फैसले की आलोचना हर ओर हो रही है, लेकिन हम सिर्फ विपक्ष की बातों पर करें तो उनकी बात मे दम नहीं रहा है। दरअसल केंद्र सरकार ने भले ही अभी ₹50 गैस के दामों में बढ़ोतरी की है, लेकिन जब कांग्रेस केंद्र में थी, तब उस समय भी गैस की कीमतें आसमान छू रही थी या यह कहें कि फिलहाल की गैस के दामों से ज्यादा रेट उस समय था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी साल 2014 में केंद्र में आई है। उससे पहले कांग्रेस की सरकार थी। तब गैस के दामों की कीमत 1000 हजार के पार पहुंच चुकी थी और यह दाम कई महीनों तक बरकरार दी थी। बता दे यह खबर इंडियन ऑयल के ऑफिशियल वेबसाइट पर भी उपलब्ध है कि साल 2013 में गैस की कीमत हजार रुपे के पास थी। इसलिए अब विपक्ष जो बातें कर रहा है, उसमें किसी को भी ज्यादा दम नजर नहीं आ रहा।

हम आपको बता दें कि भले ही फिलहाल मोदी सरकार में गैस की कीमतें आसमान छू रही है, लेकिन साल 2014 से लेकर अभी तक के रिकॉर्ड को देखा जाए तो इन सालों में गैस की कीमतें काफी बार कम भी की गई है। खबरों के अनुसार घरेलू गैस साल 2014 के मई महीने में ₹928 में मिली थी। वही जून में 928 से घटकर 914 रुपए में घरेलू गैस मिलना शुरू हो गया था। देश में जब कोविड-19 महामारी थी, तब भी केंद्र ने आम जनता पर राहत देते हुए गैस के दामों में काफी नरमी करते हुए कई महीनों तक घरेलू गैसों के दाम ₹593 कर दिए थे।

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