भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी, आज भी कोई उस गाँव में क्यों नहीं रखता बेटी का नाम शबनम! जानिए 2008 की वो खौफनाक कहानी

1947 में मिली आजादी के बाद पहली बार भारत में किसी महिला को फांसी मिलने वाली है, जिसके लिए अब तैयारियां भी शुरू हो गई है। बता दे यह कहानी अमरोहा की शबनम नाम की लड़की की है, जिसने प्यार के जूनून में आकर अपने सभी घरवालों को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था।

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भारत में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को फांसी मिलने वाली है, जिसकी फिलहाल तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन फांसी निश्चित हो गई हैं। बता दें जिस महिला को फांसी मिलने वाली है उसका नाम शबनम है, जिसका नाम सुनते ही अब लोगों की रूह कांप जाती है। इस महिला ने अपने प्रेमी के साथ रहने के लिए परिवार के सभी परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। उसके बाद सारा स्वांग ऐसे रचा जैसे से कुछ मालूम ही नहीं था, लेकिन पुलिस ने भी चालाकी दिखाते हुए इसके सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया और इसे पकड़ कर जेल में डाल दिया और अब इसे फांसी होगी।

दरअसल उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की शबनम शिक्षक पिता शौकत अली पत्नी हाशमी, भाई अनीस, राशिद, बहू अंजुम साथ में रहते थे। शबनम अपने मां-बाप की इकलौती बेटी थी। इसलिए माता-पिता ने बहुत ही नाजो से अपनी बेटी को पाला था। साथ ही काफी पढ़ाया लिखाया था, जिसकी वजह से शबनम को स्नातक पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी भी हो गई थी। इसी बीच शबनम की मुलाकात अपने ही गांव के सलीम से हुई, जो सिर्फ आठवीं पास लड़का था। दोनों के बीच में प्यार हुआ दोनों के बीच में शारीरिक संबंध भी बने। दोनों एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे, लेकिन परिवार इस बात के लिए राजी नहीं था।

वही शबनम ने परिवार को मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन जब परिवार नहीं माना था, तब शबनम प्रतिदिन रात में अपने परिवार के सभी सदस्यों को नींद की गोली देकर सलीम को घर पर बुलाया करती थी। दोनों रात भर साथ में थे और सुबह माता-पिता के उठने से पहले ही सलीम चला जाता था। यह सिलसिला काफी महीनों तक चला था, लेकिन शबनम इन सभी बातों से तंग आ गई थी। उसने एक बार फिर से माता-पिता को शादी के लिए मनाने का तय किया, लेकिन कोई नहीं माना तब आरोपी शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता सहित सभी घरवालों को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया।

खबरों के अनुसार सारा प्लान शबनम का था। उसने रात के समय में छत पर सोए माता-पिता सहित सभी घरवालों को गिलास में नींद की गोलियां दी और सभी दूध पीकर नींद की आगोश में चले गए, जिसके बाद शबनम ने अपने हाथों में कुल्हाड़ी लेकर अपने घर के सभी परिजनों को बेरहमी से काट डाला। हालांकि सलीम इस घटना के बाद घर छोड़कर चला गया, लेकिन शबनम रात भर लाशों के बीच में बैठी रही और सुबह होते ही रोने का नाटक करने लगी और गांव वालों को बताया कि घर में डाकू घुसे और सभी को मारकर चले गए।

वहीं पुलिस को इस मामले की जानकारी दी गई। पुलिस जब घर पर पहुंची तो चारों ओर खून से लथपथ लाशें पड़ी थी और बीच में शबनम बैठी थी। पुलिस को शुरुआत से ही शबनम पर शक हुआ कि अगर चोर आए भी थे तो सिर्फ परिवार वालों को ही क्यों मारा? शबनम को छोड़कर क्यों चले गए? पुलिस ने होशियारी दिखाते हुए शबनम के सारे कॉल रिकॉर्ड निकालें तो सलीम का नाम सामने आया और दोनों को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि शबनम बार-बार बोलती रही थी। उसने कुछ नहीं किया है। उसने बस प्यार पाने के लिए यह सारा नाटक किया, लेकिन कोई नहीं माना। बता दे इस घटना के बाद उस गांव में किसी ने भी कई सालों तक अपनी बेटी का नाम शबनम नहीं रखा था। यहां तक कि इस घटना के बाद उस समय की मुख्यमंत्री मायावती भी उस गांव में पहुंची और यह सारा किस्सा सुनकर दंग रह गई थी।

बता दे इस निंदनीय घटना के बाद कोर्ट में तकरीबन 12 सालों तक ट्रायल चला था। इस बीच शबनम ने सलीम के बच्चे को भी जन्म दिया और उसे कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी। हालांकि शबनम ने इन सभी चीजों से बचने का प्रयास करते हुए राष्ट्रपति को दया याचिका पत्र लिखा, लेकिन राष्ट्रपति ने इसे अब खारिज कर दिया है और जल्द ही तारीख तय करके शबनम को मथुरा में फांसी दी जाएगी, जिसके लिए निर्भया कांड के आरोपियों को फांसी देने वाले पवन जल्लाद को भी जानकारी दे दी गई है। बता दे पवन जल्लाद को कोर्ट से फांसी घर का निरीक्षण करने का आदेश मिला है, जिसकी वह लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और जैसे ही उन्हें फांसी घर से संतुष्टि मिल जाएगी। तारीख तय करके शबनम को फांसी दे दी जाएगी।

हम आपको बता दें शबनम को फांसी मिलने की खबर अब पूरे भारत में फैल चुकी है कि आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को ऐसे निंदनीय अपराध के लिए फांसी जैसी सजा मिलने वाली है, लेकिन कोर्ट ने भी साफ रूप से कहा कि इस सजा से सभी को यह जानकारी भी प्राप्त हो जाएगी कि बुरे कर्म का नतीजा भी उतना ही बुरा होता है।

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