दिल्ली पुलिस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करके टूलकिट केस में हुई जांच के बारे में जानकारी साझा की है। साथ ही गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर भी अपना बयान दिया है। खबरों के अनुसार पुलिस ने सबसे पहले टूलकिट के बारे में बात करते हुए कहा कि इसे पूरी तैयारी के साथ बनाया गया था और इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। ताकि दुनिया भर में भारत की बदनामी की जा सके और लोगों के मन में गलत तथ्य फैलाया जा सके। यह सिर्फ विदेशियों के लिए नहीं था, बल्कि भारतीय लोगों के लिए भी बनाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने बयान में ये भी बताया कि टूलकिट को फेसबुक से लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में भी शेयर किया गया था और कई कई तरह की अफवाहें भी फैलाई गई थी। पुलिस के अनुसार टूलकिट को 4 फरवरी को बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। साथ ही इसका खालिस्तानी संगठन से भी कुछ ना कुछ संबंध जरूर है। बता दे साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी ने कहा कि टूल किट के कई स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाई दे रहे हैं, जिसकी जांच कराई जा रही है। वहीं अब पुलिस को इसकी एडिटर निकिता जैकब की तलाश कर रहे हैं।
हम आपको बता दें दिल्ली पुलिस ने जूम मीटिंग एप से भी कुछ जानकारियां देने के लिए बोला है, क्योंकि निकिता और शांतनु ने पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जूम मीटिंग की थी। वही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने बताया कि बीते दिन बेंगलुरु से गिरफ्तार की गई दिशा रवि सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को अच्छी तरीके से जानती थी और उन्होंने इस सोशल मीडिया के जरिए ग्रेटा को टूलकिट शेयर किया था।