भारतीय सेना की महानता का जवाब नहीं, तेज बर्फबारी के बीच महिला ने आर्मी की जिप्सी में दिया बच्चे को जन्म

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के कालारूस स्थान पर मध्य रात्रि में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई। भीषण बर्फबारी के कारण एंबुलेंस वहां जा नहीं सकती थी इसीलिए सेना ने अपनी जिप्सी तथा एक आशा वर्कर को वहां भेजा। जिसके कारण उस महिला ने एक बच्ची को आर्मी की जिप्सी में जन्म दिया है।

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जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना अपने अदम्य साहस के साथ अलगाववादियों तथा पाकिस्तान के आतंकवादियों को धूल चटाती है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर और भारत के अनेकों इलाकों में भारतीय सेना मानवता के लिए ऐसे कार्य करती है जिन्हें दुनिया भर में मिसाल के तौर पर लिया जाता है। उदाहरण के लिए कुछ समय पहले तक जम्मू कश्मीर में उग्रवादियों तथा पत्थरबाजों का राज्य था,यह लोग भारतीय सेना पर पत्थर फेंकते थे। लेकिन जब भी जम्मू कश्मीर में बाढ़ या कोई और समस्या आती थी तब इन्हीं लोगों को भारतीय सेना के जवान अपने कंधों पर बिठाकर बचाया करते थे। भारतीय जनता पार्टी का दावा है पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार भारतीय सैनिकों के अपमान का कार्य करती रहती है। लेकिन जब भी पश्चिम बंगाल में कोई भीषण तूफान आता है तब वहां के लोगों को बचाने के लिए भारतीय सेना के जवान ही जमीन पर उतरते हैं। कुछ समय पहले खबर आई थी कि भीषण बर्फबारी में भारतीय सेना के जवानों ने एक गर्भवती महिला को अपने कंधों पर प्रकार अस्पताल पहुंचाया था जिसके कारण वह एक बच्चे को जन्म दे पाई थी।

अब ऐसे ही खबर जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में स्थित कालारूस स्थान से आ रही है। जहां भीषण बर्फबारी के कारण एंबुलेंस स्थान पर नहीं पहुंच पा रही थी तो आर्मी ने अपनी जीभ तथा एक आशा वर्कर को गर्भवती महिला के घर भेजा। एंबुलेंस की सुविधा ना होने के कारण गर्भवती महिला ने आर्मी की जिप्सी में बेटी को जन्म दिया है। गर्भवती महिला ने जैसे ही आर्मी की जिप्सी में एक बच्ची को जन्म दिया वहां पर उसने सभी लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ गई। जन्म के बाद महिला तथा नवजात शिशु को कालारूस के अस्पताल में भर्ती कराया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 4:15 पर सेना के पास यह सूचना आई थी कि कालारूस स्थान पर एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही है लेकिन भीषण बर्फबारी के कारण वहां तक एंबुलेंस का पहुंचना नामुमकिन है। इसीलिए सेना ने अपनी एक आशा वर्कर को आर्मी की जीत के साथ उस महिला के पास भेजा था।

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