भारतीय संविधान को लागू हुए कल 72 वर्ष हो जाएंगे।गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के 72 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं…हमारे देश में विविधता से समृद्ध कई त्योहारों के साथ हमारे राष्ट्रीय त्योहारों को भी सभी लोग बड़े देश भक्ति के साथ मनाते हैं।”
राष्ट्रपति महोदय ने कहा,”हम सबको ‘संवैधानिक नैतिकता’ के उस पथ पर निरंतर चलते रहना है जिसका उल्लेख बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने 4 नवंबर, 1948 को, संविधान सभा के अपने भाषण में किया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि ‘संवैधानिक नैतिकता’ का अर्थ है – संविधान में निहित मूल्यों को सर्वोपरि मानना। मैं आज पुनः इस बात को दोहराऊंगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और विचारों पर मनन करना, हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। हमें हर सम्भव प्रयास करना है कि समाज का एक भी सदस्य दुखी या अभाव-ग्रस्त न रह जाए।”
LIVE: President Kovind's address to the nation on the eve of the 72nd #RepublicDay https://t.co/Obuf3zwRMm
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2021
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग को भी धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए कहा, “बिहार जैसी घनी आबादी वाले राज्य तथा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख जैसे दुर्गम व चुनौती भरे क्षेत्रों में निष्पक्ष व सुरक्षित चुनाव सम्पन्न कराना हमारे लोकतन्त्र एवं चुनाव आयोग की सराहनीय उपलब्धि रही है।” 2020 के बारे में राष्ट्रपति महोदय ने अपने विचार भी रखें उन्होंने कहा, “मेरे विचार में, सन 2020 को सीख देने वाला वर्ष मानना चाहिए। पिछले वर्ष के दौरान प्रकृति ने बहुत कम समय में ही अपना स्वच्छ और निर्मल स्वरूप फिर से प्राप्त कर लिया था। ऐसा साफ-सुथरा प्राकृतिक सौंदर्य, बहुत समय के बाद देखने को मिला। 2020 में घोषित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में प्रौद्योगिकी के साथ-साथ परंपरा पर भी ज़ोर दिया गया है। इसके द्वारा एक ऐसे नए भारत की आधारशिला रखी गई है जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ज्ञान-केंद्र के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है।”