1200 किलोमीटर साइकिल पर अपने पिता को बैठाकर पहुंचाया गांव
कोरोना काल आप सभी जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत बुरा रहा है। एक ऐसा समय भी आया था जब बड़े बड़े शहरों से मजदूरों को अपने घरों की ओर पलायन करना पड़ा था। सरकार के बहुत सारे प्रयासों के बावजूद भी बहुत सारे लोगों तक भी प्रयास नहीं पहुंच सके, कुछ राज्य सरकारों ने भी इस कार्य में विघ्न डालने की पूरी कोशिश की लेकिन तब भी मजदूरों का हौसला नहीं टूटा। उस समय जब मजदूर पैदल चल चलकर अपने घर पहुंच रहे थे!तब एक ऐसे भी पिता थे जो अपने घर पहुंच नहीं पा रहे थे तब उनकी बेटी ने उन्हें अपने साइकिल पर बैठाकर 1200 किलोमीटर दूर बिहार में अपने गांव तक पहुंचाया। इस बेटी का नाम ज्योति कुमारी था उसने अपने पिता को साइकिल पर बैठा कर अपने गांव इसलिए पहुंचाया क्योंकि उसके पिता का इलाज हुआ था और वह चल नहीं पाते थे। वास्तव में इसी तरह की संताने ही माता-पिता का नाम रोशन करती हैं।
बैल से 8 बच्चों की बचाई जान
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रहने वाले गोबर दिव्यांश सिंह की उम्र महज 13 साल है लेकिन इस 13 साल की उम्र में उसने ऐसा कारनामा किया है। जिसे सोचने के बाद बड़े-बड़े लोगों को पसीना भी आ सकता है। दिव्यांश ने एक बैल के हमले से न सिर्फ अपनी छोटी बहन को बचाया बल्कि 8 बच्चों को भी उसने सुरक्षित किया। मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि ज़ब 31 जनवरी 2018 को जब वह अपनी बहन के साथ घर लौट रहा था,इसी समय एक बैल ने उसकी बहन तथा 8 बच्चों पर हमला कर दिया। अपनी छोटी बहन को संकट में देखते हुए दिव्यांश ने अपने स्कूल बैग को हथियार बनाकर बैल से लड़ाई मोल ली और उस बैल को भगा दिया। दिव्यांश की इस वीरता को देखते हुए उसका नाम प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार की लिस्ट में शामिल किया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन बच्चों के लिए कहा है, ‘‘मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2021 न केवल विजेताओं को प्रेरित करेगा, बल्कि लाखों अन्य बच्चों को अपने सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के वास्ते प्रोत्साहित करेगा। आइए हम सभी अपने देश को सफलता और समृद्धि की एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अपने व्यक्तिगत प्रयास करें।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 32 बच्चों को प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार देते समय कहा, “आपकी सफलता ने कई लोगों को प्रेरित किया है। आपके दोस्त, साथी और देश के दूसरे बच्चे, जो आपको टीवी पर देख रहे होंगे, तो वो भी आपसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे। नए संकल्प लेंगे और उन्हें पूरा करने के लिए भरसक प्रयास करेंगे। हर बच्चे की प्रतिभा उनका टैलेंट देश का गौरव बढ़ाने वाला है। मेरा मन है कि आप सभी से बात करता रहूं। आप एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, ” प्यारे बच्चों आपने जो काम किया है, आपको जो पुरस्कार मिला है वो इसलिए भी खास है कि आपने ये काम कोरोना काल में किया है। इतनी कम उम में भी आपके ये काम हैरान करने वाले हैं। आपमें से ही कल देश के खिलाड़ी, वैज्ञानिक, सीईओ भारत का गौराव बढ़ाएंगे। कोई खेल के क्षेत्र में देश का नाम रौशन कर रहा है। कोई अभी से ही रिसर्च और इनोवेशन कर रहा है। आपमें से ही कल देश के खिलाड़, वैज्ञानिक, नेता, देश के बड़े-बड़े CEO भारत का गौरव बढ़ाने की परंपरा दिखाई देगी।”