राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अंकित होंगे गलवान घाटी के शहीदों के नाम, चीनी सैनिकों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे शहीद

गलबान घाटी में भारत की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले जवानों के नाम और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अंकित होंगे। भारतीय सैनिकों की मांग पर 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था।

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राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के बारे में आप सभी जानते होंगे, प्रधानमंत्री मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। इस स्मारक में आजादी के बाद से लेकर अब तक भारत की सरहदों की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाली सैनिकों के नाम अंकित किए गए हैं। अब यह बताया जा रहा है कि इस स्मारक में गलवान घाटी में अपनी जान गवाने वाले 20 शहीदों के नाम भी अंकित किए जाएंगे। दरअसल 15 और 16 जून की रात को गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच भिड़ंत हुई थी, इस भिड़ंत में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे वहीं चीन के लगभग 40 सैनिकों को मौत के घाट उतारा गया था।

केंद्र सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस पर इन अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाला ये बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार गलवान घाटी में जिन 20 जवानों ने भारत की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया जिसमें संतोष बाबू का भी नाम शामिल है, उनके नाम इस स्मारक में अंकित किए जाएंगे। स्वतंत्रता के बाद से लेकर भारत की सुरक्षा में अपना जीवन दान करने वाले करीब 25000 जवानों की याद में इंडिया गेट के सामने इस स्मारक का निर्माण किया गया है। इस प्रोजेक्ट को बनाने में लगभग 176 करोड़ रुपये की लागत आई। 1947-48, 1961 में गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 में चीन से युद्ध, 1965 में पाक से जंग, 1971 में बांग्लादेश निर्माण, 1987 में सियाचिन, 1987-88 में श्रीलंका और 1999 में कारगिल में शहीद वाले सैनिकों के सम्मान में इसे बनाया गया था।

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