मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का लिया फैसला, संस्कृति मंत्रालय ने दी जानकारी

देश की आजादी में सहयोग करने वाले स्वतंत्रता नेताजी सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती अब केंद्र सरकार प्रकारम दिवस के रूप में मनाएगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 23 जनवरी को बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए पश्चिम बंगाल जाने वाले हैं और उनके संग्रहालय का उद्घाटन भी करेंगे।

0
424

देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी हुई एक बेहद ही अच्छी खबर सामने आ रही है। दरअसल 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती है। उससे ठीक पहले केंद्र सरकार ने इस भव्य दिन को प्रकारम दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। इस बात की जानकारी संस्कृति मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करके दी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संस्कृति मंत्रालय ने सुभाष चंद्र बोस की 125 जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की अधिसूचना जारी करते हुए लिखा – “भारत के लोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष में इस महान राष्ट्र के लिए उनके अतुल्य योगदान को याद करते हैं। भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी 2021 से आरंभ करने का निर्णय लिया है ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका सत्कार किया जा सके। मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा कि इस दिन को मनाने से युवाओं के मन में प्रेरणा, देशभक्ति और साहस की भावना उजागर होगी।

हम आपको बता दें इस खास दिन को मनाने के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसने पीएम मोदी, राजनाथ सिंह अमित शाह, ममता बनर्जी, जगदीप धनकड़, मिथुन चक्रवर्ती, काजोल और एआर रहमान सहित 84 लोग सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं। बता दे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 23 जनवरी को पश्चिम बंगाल जाकर सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन करने वाले हैं और उनके पराक्रमो के बारे में जनता को अवगत कराएंगे। हालांकि विपक्ष इस पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा है और उनकी ओर से दिए एक बयान में कहा कि बीजेपी यह सब बंगाल में वोट हासिल करने के लिए है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here