साल 2020 पूरे विश्व के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। चीन से फैले कोरोना वायरस ने पूरे साल लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त करके रख दिया था। इसका असर अभी भी दुनिया भर के कई बड़े देशों मैं देखने को मिल रहा है। लेकिन इसी बीच एक बड़ी राहत की खबर यह भी है कि भारत ने कोरोना पर काबू पाने के लिए सबसे कारगर वैक्सीन बना ली है। 16 जनवरी से पूरे भारत में कोरोना का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जाएगा। पूरा विश्व इस समय भारत पर अपनी नजरें टिकाए हुए हैं क्योंकि सभी जानते हैं कि अगर महामारी पर कोई देश सबसे पहले और कारगर तरीके से काबू पा सकता है तो वह भारत है। अब तक देश के अलग-अलग शहरों की 14 जगहों पर वैक्सीन की पहली खेप भी पहुंच चुकी है।
अगर वैक्सीनेशन का पहला पड़ाव सफल रहा तो इसे भारत की सबसे बड़ी जीत के तौर पर माना जाएगा। क्योंकि दुनिया भर के कई बड़े देशों के मुकाबले भारत में बनी यह कोरोना वैक्सीन सस्ती और सबसे कारगर मानी जा रही है। भारत में पिछले लंबे वक्त से इस वैक्सीन पर काम किया जा रहा था। इसे लेकर ड्राई रन भी करवाए गए थे। दुनिया की नजरें इस समय हिंदुस्तान पर टिकी हुई हैं। ऐसे में अब यह देखना होगा कि कोरोना वैक्सीन लोगों की उम्मीदों पर किस तरह खरा उतरती है? अगर यह वैक्सीन कामयाब होती है तो विश्व के लिए भारत एक बार फिर मिसाल बनता दिखाई दे सकता है।
कोरोना वॉरियर्स को मिलेगी पहले चरण में वैक्सीन
पहले चरण में कोरोना वैक्सीन कोरोना वॉरियर्स और हेल्थ वॉरियर्स को मुफ्त में दी जाएगी। इसमें फ्रंटलाइन वॉरियर्स भी शामिल रहेंगे। कुछ रिपोर्ट्स की माने तो पहले चरण में वैक्सीन लेने वाले 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारी और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्करों की कोरोना वैक्सीन का खर्च PM केयर्स फंड से लिया जाएगा। बता दें कि PM केयर्स फंड की स्थापना कोरोनावायरस संक्रमण के शुरू होने के बाद की गई थी। पीएम केयर्स फंड को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े किए थे। लेकिन अगर इस समय पीएम केयर्स फंड का सही इस्तेमाल किया जाता है तो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगे सभी आरोप खुद बेबुनियाद साबित कर देंगे।
अन्य देशों के मुकाबले सबसे सस्ती वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बाकि देशों की तुलना में भारत में बन रही वैक्सीन काफी सस्ती है। भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 1 करोड़ 10 लाख वैक्सीन 200 प्रति डोज खरीदी है। वहीं सरकार ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड से 55 लाख डोज लिए हैं। इसमें से 38.8 लाख वैक्सीन डोज 295/- रुपए प्रति डोज खरीदी है। जबकि 16.5 लाख डोज भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने भारत सरकार को मुफ्त दी है। उस स्तिथि में 55 लाख वैक्सीन की कीमत 206/- रुपए प्रति डोज हो जाती है।
विश्व स्तर पर क्या है कीमत?
चीन की साइनोफोर्म वैक्सीन 5650 से अधिक डोज पर उपलब्ध रहेगी। चीन की साइनोफोर्म वैक्सीन की कीमत 77 यूएस डॉलर प्रति डोज है। जबकि दूसरी तरफ फाइजर बायोंटेक की वैक्सीन का दाम 19.50 यूएस डॉलर प्रति डोज हैं, यानी भारत में इसकी दो डोज की कीमत 2800 से ज्यादा होगी। बाकी दूसरे देशों में भी कोरोना वैक्सीन की कीमत इस समय में भारत में मौजूदा कीमत सहित कई गुना ज्यादा है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इसे भारत की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा सकता है।
इन राज्यों में किया जाएगा स्टोर
कोरोना वैक्सीन को स्टोर करने के लिए राज्यों का चयन भी कर लिया गया है। करनाल में 4, उत्तर प्रदेश में 9, मध्य प्रदेश में 4, गुजरात में 4, केरल में 3, कर्नाटका में 2, जम्मू और कश्मीर में 2 और राजस्थान में 2 स्टोर हाउस हैं जहां इस वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा। इन्ही राज्यों से वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा।
भारत की बड़ी जीत, दुनिया कर रही है सलाम
कोरोना पर काबू पाने के लिए बनाई गई इस वैक्सीन के बाद इसे भारत की एक और बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल जब कोरोना ने दुनिया भर में दस्तक दी थी तो हर किसी की नजर भारत पर थी। WHO समेत अन्य बड़े देशों को उम्मीद थी कि भारत जल्द सस्ते और कारगर तरीके से वैक्सीन बना पाने में कामयाब रहेगा। अंत मे भारत सभी की उम्मीदों पर खरा उतरा और एक बार फिर विश्व आज भारत को सलाम कर रहा है।