भारत के कई राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इसी बीच पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात चीन ने अपने हजारों सैनिकों को वापस भेज दिया है। बताया जा रहा है कि LAC के डेप्थ इलाकों में टेंपरेचर शून्य में जा चुका है, इसीलिए चीन ने अपने 10000 चीनी सैनिकों को वापस बुला लिया है। हालांकि वहीं दूसरी तरफ हमारे देश के वीर जवान इस सर्दी में भी बिना किसी परेशानी के डटे हुए हैं और पड़ोसी देश की नापाक हरकतों पर नजर बनाए हुए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों द्वारा भारत बॉर्डर के पास अभी भी हथियार वहीं मौजूद है,हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फरवरी-मार्च में ठंड कम होने के बाद क्या चीनी अपने सैनिकों की दोबारा तैनाती करेगा या फिर नहीं।
जनरल बिपिन रावत सेना की समग्र तैयारी की समीक्षा के लिए इस समय लद्दाख के दौरे पर हैं। पिछले 8 महीने से जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन के हजारों सैनिक ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर तैनात हैं। सेना के आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि जनरल रावत कॉलेज स्थित 40 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी के मेनन और सेना के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा की स्थिति पर अवगत कराने ले जाएंगे। सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि एलएसी पर चीन के 50,000 से ज्यादा सैनिक अप्रैल और मई के महीने से तैनात है। इसी तैनाती का जवाब देते हुए भारत ने भी लगभग इतने ही जवानों को वहां तैनात किया हुआ है। इसके अलावा हर बार का जवाब देने के लिए भी भारतीय सेना ने गोला बारूद तथा हत्यारों को बड़ी संख्या में जमा किया हुआ है।