पूर्वोत्तर रेलवे के पैसेंजर ट्रेनों को एक्‍सप्रेस के रूप में चलाने की तैयारी शुरू, अब हाल्‍ट स्‍टेशन होंगे खत्म

नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे की पैसेंजर ट्रेनें अब एक्सप्रेस के रूप में चलेंगी। बदलाव के चलते इन ट्रेनों के ठहराव तो कम होंगे ही और रफ्तार भी बढ़ जाएगा। यात्री कम समय में ही अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे, लेकिन इसमें यात्रियों की जेबे भी ढीली होनी तय है।

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नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे की पैसेंजर ट्रेने भी एक्सप्रेस बनने की राह पर चल पड़ी है।गोरखपुर-पाटलिपुत्र को 13 जनवरी से एक्सप्रेस के रूप में चलाने की घोषणा करने के बाद रेलवे प्रशासन ने दो और सवारी गाड़ियों को एक्सप्रेस बनाने की तैयार शुरू कर दी है। बदलाव के तहत इन ट्रेनों में ठहराव तो कम होंगे ही साथ ही रफ्तार भी बढ़ा दिए जाएंगे। यात्री कम समय में ही अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे और कोरोना के समय में जनरल टिकटों की बिक्री बंद होने के बाद रेलवे बोर्ड ने भले ही सवारी गाड़ियों को एक्सप्रेस बनाने की हवा दे दी हो। लेकिन इससे यात्रियों की जेब भी ढीली होना भी तय है।वही हाल्ट स्टेशनों के यात्रियों की परेशानीयो का बढ़ना तय है।

लोगों को वही दूरी तय करने के लिए अब 15 से 30 रुपये तक अधिक कराया देना होगा। एजेंट के यहां से टिकट बुक करने पर 50 से 60 रुपये अधिक लग जाएंगे। वही जानकारों की माने तो सवारी गाड़ियों के साथ हाल्ट स्टेशनों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। फिलहाल रेलवे प्रशासन ने 55031-55050 नकहा जंगल- लखनऊ जंक्शन और 55119-55150 गोरखपुर-वाराणसी पैसेंजर ट्रेन को भी एक्सप्रेस के रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने आठ जोड़ी सवारी गाड़ियों को एक्सप्रेस बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। बोर्ड ने प्रथम चरण में तीन ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने की संस्तुति प्रदान की है।स्पेशल के रूप में एक्सप्रेस ट्रेनों को संचालित करने की अनुमति मिलने के बाद परिचालन, वाणिज्य और सुरक्षा विभाग सतर्क हो गया है। टिकटों की बुकिंग, यात्रियों की सुरक्षा और उन्हें दी जाने वाली सहूलियतों की तैयारी शुरू कर दी गयी है।

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