भारतीय सेना के सैनिकों ने फिर दिखाई मानवता, अपने कंधों के सहारे गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल

भारतीय सेना के पराक्रम और उनकी मानवता की एक और मिसाल आज देखने को मिली।नीमा बानो नाम की एक महिला अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में थी। चारों ओर वर्षा हो रही थी और उसे सभी रास्ते बंद हो चुके थे। उनके पिता ने भारतीय सेना को फोन लगाया और भारतीय सेना के सैनिकों ने नीमा बानो को अपने कंधों के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया।

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आप सभी भारतीय सैनिकों के पराक्रम से तो परिचित होंगे ही और उनकी मानवता की कहानियां भी आपने बचपन से सुनी होंगी। आज एक ऐसी घटना घटित हुई है जिसने भारतीय सेना और भारत का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया है। वर्तमान में चारों तरफ ठंड का माहौल है पहाड़ियों पर वर्षा हो रही है रास्ते बंद हो चुके हैं। इसी बीच नीमा बानो नाम की एक महिला अपने गर्भावस्था के अंतिम चरण में थी। अत्याधिक पीड़ा होने के कारण वे कहीं जा भी नहीं सकती थी, इस परेशानी को समझते हुए उनके पिता गुलाम मोहम्मद मीर ने राष्ट्रीय राइफल्स जो भारतीय सेना का एक अभिन्न अंग है उनके अधिकारियों को फोन लगाया। परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय रायफल्स के सैनिक वहां पर आए और उस गर्भवती महिला को अपने कंधों के सहारे अस्पताल लेकर गए। राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों की सहायता से वह महिला अस्पताल तक सुरक्षित पहुंच गई और उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दिया है।

यह एक ऐसी घटना है जो बताती है कि भारतीय सैनिक किसी भी मौसम में किसी भी समस्या में भारतीयों की मदद करने से पीछे कभी नहीं हटते हैं। जब भी भारत में कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो हमारे देश की तीनों सेनाएं ही हमारे देश के नागरिकों की रक्षा करती हैं। यह बताया जाता है कि 21 राष्ट्रीय रायफल्स ने पिछले तीन दशकों में जम्मू कश्मीर से करीब 300 आतंकवादियों को जहन्नुम पहुंचाया है। पिछले दिनों अपनी शहादत देकर अमर हुए कर्नल आशुतोष शर्मा भी राष्ट्रीय रायफल्स के ही कमांडिंग ऑफिसर थे। पिछले 29 सालों में 25000 आतंकवादी मारे गए जिसमें राष्ट्रीय रायफल्स की सभी टुकड़ियों ने मिलकर करीब 15,000 आतंकवादियों को नर्क को भेजा है इसके अलावा हजारों आतंकवादियों को जीवित पकड़ा है।

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