कर्नाटक में गौ हत्या के खिलाफ अध्यादेश को मंजूर कर लिया गया है। इसमें गौ हत्या करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा देने तथा गोवंश को संरक्षण देने की बात कही गई। कर्नाटक राज्य की कैबिनेट ने पिछले हफ्ते कर्नाटक प्रिवेंशन ऑफ स्लॉटर एंड प्रिजवर्शन ऑफ कैटल ऑर्डिनेंस 2020 जारी करने का फैसला लिया। इस ऑर्डिनेंस को राज्यपाल महोदय ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। भारत के कई राज्यों में पहले से ही इस प्रकार के कानून बन चुके हैं और अब कर्नाटक में भी यह कानून बना दिया गया है।
जानिए क्या है यह कानून?
इस कानून में गोवंश की हत्या करने पर 3 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस अपराध के लिए अपराधी को 50 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। यदि कोई यही अपराध दोबारा करता है तो उसे 7 साल की सजा हो सकती है तथा 10 लाख का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इसमें कैटल को अलग-अलग उम्र की गाय,गाय के बछड़े,बेल,सांड और 13 साल से कम की नर और मादा भैंस को भी शामिल किया गया है।
राज्य सरकार ने पहले ही यह कह दिया है कि इस कानून के लागू होने के बाद राज्य में गाय की हत्या करना एक अपराध बन जाएगा। हालांकि यह बताया जा रहा है कि प्रदेश में स्लॉटरहाउस चलते रहेंगे और उसमें भैंस का कटान चलता रहेगा। बूचड़खाने में 13 साल से अधिक उम्र वाली नर तथा माता भैंस काटी जा सकेंगी। इस अध्यादेश में संक्रमित तथा प्रायोगिक तथा शोध के उद्देश्य से गाय के वध की छूट दी गई है।