संघ प्रमुख ने दिया देशभक्ति पर बड़ा बयान, असदुद्दीन ओवैसी से पूछे कई सवाल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने महात्मा गांधी पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन में कहा, "हिंदू धर्म के मूल में देशभक्ति है, इसीलिए कोई हिंदू देशद्रोही नहीं हो सकता।" अब उनके इस बयान पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है।

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चित्र साभार: ट्विटर @RSSorg

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने राष्ट्र भक्ति पर एक ऐसा बयान दिया है जिसने एक नई बहस को जन्म दे दिया है।दरअसल डॉ. मोहन भागवत दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी स्मृति संस्थान में एक पुस्तक ‘मेकिंग ऑफ ए हिन्दू पैट्रियट’ के विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इस किताब को विमोचन जेके बजाज और एमडी श्रीनिवासन ने लिखी है।विमोचन के दौरान केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल भी मौजूद थे। इस किताब के विमोचन के समय मोहन भागवत ने राष्ट्रभक्ति पर कई प्रमुख बातें कहीं! उन्होंने कहा, “गांधी जी ने जो बात कही थी वह गौर करने लायक है, उन्होंने कहा था कि मेरी देशभक्ति मेरे धर्म से निकलती है,हिंदू पैट्रियोट, यानी हिंदू है तो पैट्रियोट होना ही पड़ेगा।हां ऊपर की राख धूल झाड़ कर खुद को खड़ा करना पड़ सकता है, सोया हुआ पैट्रियोट या जागा हुआ पैट्रियोट,यह हो सकता है।”

उनके इस बयान ने असदुद्दीन ओवैसी को हिला कर रख दिया और ओवैसी ने मोहन भागवत से कुछ प्रश्न पूछते हुए ट्वीट किए। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “क्या भागवत जवाब देंगे? गांधी के हत्यारे गोडसे के बारे में?नेल्ली नरसंहार के जिम्मेदार पुरुषों के बारे में? 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में?2002 के गुजरात प्रोग्राम्स के खिलाफ?” दूसरे ट्वीट में लिखा कि, “एक धर्म के अनुयायियों को स्वचालित रूप से देशभक्ति के प्रमाण पत्र जारी किए जाते है।जबकि अन्य को अपना जीवन यह साबित करने में बिताना पड़ता है कि उन्हें यहां मौजूद रहने का अधिकार है।”

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