Corona का कहर जारी, इस बार नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र

कोरोना वायरस के संक्रमण का असर व्यापक रूप से देखने को मिल रहा हैै। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इस ख़तरनाक महामारी से त्रस्त है। भारत में संक्रमितों की संख्या लगभग 1 करोड़ के आंकड़े के पास पहुंच रही है। इस महामारी के बदते प्रकोप के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा और अहम फैसला लिया है।

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Corona महामारी का संकट दिन प्रतिदिन गहराता ही जा रहा है। देश में कोरॉना संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ के पास पहुंच रही है। इसी बीच देश की केंद्र सरकार ने एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए इस बार शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि Covid-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण इस बार सांसद का शीतकालीन सत्र नहीं आयोजित होगा।वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने किसान मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए किसान बिल पर बहस के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सभी पक्ष सत्र को रोकने पर सहमत हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए शीतकालीन सत्र के पक्ष में कोई नहीं था। ऐसे में जनवरी में सीधे बजट सत्र बुलाया जाएगा। दरअसल, जोशी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की एक चिट्ठी का जवाब दिया है। जिसमें अधीर रंजन चौधरी की तरफ से एक सत्र के लिए मांग की गई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर हो रहे किसान विरोध प्रदर्शनों को लेकर विवादास्पद नए कृषि कानूनों पर चर्चा करने की मांग की गई थी।

जोशी ने अधीर रंजन चौधरी को जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने सभी दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया था और सर्वसम्मति से कोविड-19 के कारण सत्र न बुलाए जाने पर सभी सहमत हुए थे।

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