प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत की नई संसद भवन का भूमि पूजन किया। यह भूमि पूजन का पूरा कार्यक्रम भारतीय संस्कृति के अनुसार किया गया। इस भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे। नया संसद भवन 971 करोड़ की लागत पर बन रहा है और यह 64500 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा।यह भवन 2022 तक बन कर तैयार किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी इस दौरान सर्व धर्म प्रार्थना भी की गई इसमें हिंदू, सिख, ईसाई,मुस्लिम,बौद्ध,जैन एवं अन्य धर्मों के गुरु भी मौजूद थे।
हमारे लिए देश हित से बड़ा कोई हित नहीं होगा: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश के संविधान की मान-मर्यादा और उसकी अपेक्षाओं की पूर्ति, जीवन का सबसे बड़ा ध्येय होगी।
हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देशहित से बड़ा और कोई हित कभी नहीं होगा। हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश की चिंता, अपनी खुद की चिंता से बढ़कर होगी। हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश की एकता, अखंडता से बढ़कर कुछ नहीं होगा।
हमें संकल्प लेना है…ये संकल्प हो इंडिया फर्स्ट का। हम सिर्फ और सिर्फ भारत की उन्नति, भारत के विकास को ही अपनी आराधना बना लें। हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए। हमारा हर निर्णय, हर फैसला, एक ही तराजू में तौला जाए। और वो है- देश का हित सर्वोपरि।’
आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है।
आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है: पीएम @narendramodi #NewParliament4NewIndia pic.twitter.com/HvcnH1RBbR
— BJP (@BJP4India) December 10, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा… देश में भारतीय एकता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का जश्न मनाएगा तब संसद की इमारत उसकी प्रेरणा होगी।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं वह पल कभी नहीं भूल सकता जब पहली बार सन् 2014 में मैं संसद आया था,तब मैंने सर झुका कर नमन किया था। मौजूदा संसद भवन ने आजादी का आंदोलन,स्वतंत्र भारत, आजादी की पहली सरकार,पहली संसद,संविधान रचा गया।”
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने अपने संबोधन में कहा, “आज का दिन भारत ही नहीं अपितु दुनिया के इतिहास में अहम है हिंदुस्तान में गणतंत्र और लोकतंत्र लंबे वक्त से स्थापित है।” हरदीप पुरी ने जानकारी दी कि पहले मौजूदा संसद भवन नहीं सुधार करने के लिए सोचा गया था। लेकिन भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है तो उसमें उसकी जरूरतें पूरी नहीं हो सकेगी, यही कारण है कि नए भवन का प्रस्ताव सामने आया।