भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को दिल्ली में नई संसद भवन का भूमिपूजन करेंगे।जिसकी जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओमप्रकाश बिरला के द्वारा दी गई है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 2022 में भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे और इस खास मौके पर हम इस नए संसद भवन में दोनों सदनों का सेशन शुरू करेंगे।उनका कहना है कि इस नई संसद भवन में लोकसभा के सांसदों के लिए 888 तथा राज्यसभा के सांसदों के लिए 326 सीटें होंगी। पार्लियामेंट के हॉल में लगभग 1224 लोग एक साथ बैठ सकेंगे।
Hon’ble Prime Minister, Shri @narendramodi will perform Bhumi pujan of the new Parliament building on 10 December. Construction work is likely to be completed by October 2022. On 75th anniversary of our Independence, Session will be held in the new Parliament. #NewParliament pic.twitter.com/bHiqASizPx
— Lok Sabha Speaker (@loksabhaspeaker) December 5, 2020
विपक्ष ने बताया फिजूलखर्ची
इस नई संसद भवन को लेकर भी राजनीति तेज हो चुकी है कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है,”ऐसे समय में जब कोरोना संक्रमण भारत पर प्रभावी है तब यह फिजूलखर्ची सही नहीं!” उनका कहना है कि सरकार को इस समय नई बिल्डिंग बनाने की बजाय की रोकथाम पर ध्यान देना चाहिए।
नए संसद भवन की कुछ प्रमुख विशेषताएं
- नई इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत के रूप में एक भव्य संविधान हॉल, संसद के सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान को भी तैयार किया गया है।
- नया संसद भवन त्रिकोणीय होगा।
- संसद की नई इमारत में सदन के अंदर सीटों की संख्या को इसलिए बढ़ाया जा रहा है ताकि यदि भविष्य में राज्य सभा तथा लोकसभा के सदस्यों की संख्या बढ़े तो किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न ना हो!
- नए संसद सदन में दो सीट वाली बेचें होंगी, जिसमें सासंद आराम से अकेले बैठ सकेंगे। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान इन्हीं दो सीटों वाली बेंच पर तीन सांसद बैठ सकेंगे।
- कुल 1350 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नई इमारत का स्वरूप मौजूदा संसद के समान होगा। उन्होंने कहा कि नई इमारत में एक तहखाना, भूतल, पहली और दूसरी मंजिलें होंगी और इसकी ऊंचाई भी पुरानी इमारत जैसी ही होगी, ताकि दोनों समरूपता में हों।