अगर आप गुजरात के रहने वाले हैं और गुजरात में सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क लगाकर घूम रहे हैं तो आपके लिए बिना मास्क लगाकर घूमना आपके लिए बुरा सबक बन सकता है? हाईकोर्ट ने कोरोना की गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वालों को सेवा कार्य के लिए भेजने संबंधी अधिसूचना जारी करने का सरकार के आदेश को दिया है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नायक तथा न्यायाधीश जे पी पाडीवाला की खंडपीठ ने विशाल अव्तानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि समाज को मुश्किल में डालने वाले लोगों को सेवा कार्य के लिए भेजना उन्हें सजा देना नहीं बल्कि समाज में सुधार की प्रक्रिया है।
महिला चालकों के यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर 1966 में यूएस कैलिफोर्निया के अलमेडा काउंटी में सामाजिक सेवा का प्रावधान काफी कारगर साबित हुआ था, जिसके बाद दुनिया भर के देशों ने इस प्रकार की योजनाओं को स्वीकार करना प्रारंभ कर दिया। अदालत ने कहा है कि सड़क पार्क बाजार तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क घूमने वाले लोगों को कोविड-19 सेंटर में 10 से 15 दिन तक प्रतिदिन 5 से 6 घंटे के लिए सेवा को भेजने संबंधी अधिसूचना जारी कर 24 दिसंबर की सुनवाई में इसकी कॉपी लेकर आना अनिवार्य होगा। हालांकि यह बताया जा रहा है कि मात्र नहीं पहनने पर अपनी आयु, योग्यता, लिंग, हेल्थ कंडीशन के आधार पर कोविड-19 सेंटर में लोगों को अलग-अलग कार्य मिल सकते हैं।