एक तरफ दिल्ली में आम आदमी पार्टी किसानों के समर्थन में होने का झूठा दिखावा कर रही है। और दूसरी तरफ मनोज तिवारी के अनुसार दिल्ली सरकार ने नए कृषि संशोधन कानूनों में से एक कानून को 23 नवंबर 2020 को ही लागू कर दिया था। हम आपको बता दें दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने कृषि संशोधन कानूनों पर तथा केजरीवाल की दोहरी नीतियों पर बड़ा खुलासा करते हुए ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा, “AAP सरकार ने तो मोदी सरकार द्वारा पारित कराए गए 3 कृषि कानूनों में से एक कानून को सोमवार (नवंबर 23, 2020) को ही प्रदेश में लागू कर दिया है।”इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली राजपत्र के कुछ चित्र भी शेयर किए हैं।
अरे मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी आपने #FarmersBill2020 दिल्ली में 23 November को लागू कर दिया तो ये बता तो दो सबको..झूठे ही आपके MLA भाग दौड़ कर रहें है. #ISupportFarmerBill pic.twitter.com/xjiv6CZEP4
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) November 30, 2020
हम आपको बता दें इस राजपत्र में सबसे प्रमुख बात वह है जिसमें लिखा है, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की विधानसभा ने ‘दिल्ली कृषि उपज विपणन अधिनियम, 1998’ (1999 का दिल्ली अधिनियम, संख्या-7) को अधिनियमित किया है, जो जून 2, 1999 से लागू है।” यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि सरकार ने APMC के कुछ क्षेत्रों को पुनः परिभाषित किया है, जहाँ ये कानून लागू होंगे। दस्तावेज के दूसरे पन्ने पर उन परिवर्तनों के बारे में बताया गया है।
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पूरी पार्टी यह कह रही है कि यह कृषी संशोधन अधिनियम किसानों के विरोध में है। अगर यह अधिनियम किसानों के विरोध में है तो फिर दिल्ली में इसमें से एक अधिनियम को लागू क्यों किया गया है? इसका अर्थ है कि केजरीवाल का निशाना केवल और केवल पंजाब में सरकार बनाना है, उन्हें किसानों की समस्याओं से यह किसानों के सवालों से कोई सरोकार नहीं है? वे केवल किसानों की भावनाओं का फायदा उठाकर सरकार से अपनी शत्रुता निकालना चाहते हैं।