उत्तर प्रदेश के मशहूर ताजमहल की नगरी आगरा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय संस्कृति भवन को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित कर दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय इस सेंटर में स्टडी विद वर्क के उद्देश्य से नए पाठ्यक्रम का कार्य भी शुरू करेगा। बृज के साथ बुंदेलखंड और काशी की संस्कृति को भी यहां पर सहेजने का काम किया जाएगा। बहुत सारी विधाओं का प्रदर्शन भी यहां होगा। पर्यटक यहां पर आकर इन विधाओं को देख सकेंगे साथ ही साथ पसंद आने पर इन्हें खरीदकर भी ले जा सकेंगे। इसके अलावा इस सेंटर में कत्थक और नौटंकी के लाइव शो भी शुरू हो जाएंगे।
सिविल लाइंस स्थित ललित कला संस्थान की इस इमारत को नए सिरे से बनाया गया है जिसका नाम अब संस्कृति भवन रख दिया गया है ।इस इमारत का बजट लगभग 40 करोङ है। और इसी इमारत में ललित कला संस्थान और इतिहास विभाग को स्थानांतरित कर दिया जाएगा जहां पर 300 सीटों का ऑडिटोरियम आर्ट गैलरी आदि भी तैयार किए गए हैं। दिसंबर में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इसका उद्घाटन करेंगी। जब इसका प्रस्ताव शासन के द्वारा मंजूर कर दिया जाएगा।उसके बाद प्रत्येक वर्ष इसे 30लाख की फंडिंग मिलती रहेगी और इसका विकास कार्य निरंतर चलता रहेगा।
आइए जानते हैं इस रिसर्च सेंटर में क्या-क्या प्रमुख गतिविधियां होंगी?
- आगरा के टूरिस्ट गाइडों के लिए पाठ्यक्रम भी यहां पर शुरू किया जाएगा जिससे वे आगरा के इतिहास को विदेशी और स्वदेशी पर्यटकों को समझा सकेंगे।
- इतिहास कला और तकनीक से संबंधित पाठ्यक्रम भी प्रारंभ होंगे और भारतीय संस्कृति को सहेजने का कार्य किया जाएगा।
- यहां पर गुरुकुल की पद्धति को अपनाया जाएगा और हवन तथा यज्ञ भी कराए जाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की संस्कृति और धरोहरों का विस्तार भी किया जाएगा।
- मथुरा कला, शैली गांधार कला शैली। अमरावती कला शैली पर शोध किया जाएगा साथ ही साथ इनके आर्किटेक्चर पर भी शोध होगा।
- एक ऐसा म्यूजियम मनाया जाएगा जिसमें आगरा और आसपास की ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी दी जाएगी।
- फिरोजाबाद की चूड़ी, मथुरा की पोशाक, आगरा का जूता चमड़ा और कालीन उद्योग की जानकारी भी इसके माध्यम से देश तथा विदेशों के पर्यटकों को दी जाएगी।