राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रारंभ से ही राम मंदिर के मुद्दे तथा यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे मुद्दों पर मुखर रहा है। वर्तमान में कुछ समय पहले यह खबर आई थी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भगवान श्री राम की भव्य मंदिर के लिए धन संग्रह कराने का कार्य करेगा। जिसके लिए उसकी अलग अलग इकाईयों में अलग-अलग प्रकार से धन संग्रह करने की मुहिम चलाई जाएगी।
इसी बीच यह खबर भी आ रही है कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समान नागरिक संहिता के मामले को भी उठाने का काम करेगा। संघ यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट को जन-जन तक पहुंचाएगा लोगों को इसके बारे में बताएगा। हालांकि अभी यह बताया जा रहा है कि संघ और केंद्र सरकार इस पूरे मामले में कहीं भी तेजी के साथ कार्य करना नहीं चाहती है। लेकिन फिर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समान नागरिक संहिता के लिए एक उचित माहौल तैयार कर रहा है।
क्या है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। यूनियन सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है।
क्यों है देश में इस कानून की आवश्यकता
अलग-अलग धर्मों के अपने कानून होने के कारण कानून व्यवस्था पर बोझ बढ़ता जा रहा है जिससे निजात पाने के लिए सरकार यह बिल लाने की कोशिश में है । समान नागरिक संहिता लागू होने से इस परेशानी से निजात मिलेगी और अदालतों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों के फैसले जल्द होंगे। शादी, तलाक, गोद लेना और जायदाद के बंटवारे में सबके लिए एक जैसा कानून होगा फिर चाहे वो किसी भी धर्म का क्यों न हो। वर्तमान में बहुत सारे धर्मों के अपने-अपने अलग-अलग कायदे कानून है। जिसके कारण न्यायपालिका समस्या में आती जा रही है।
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