आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को किया जाए अलग-थलग: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को वैश्विक समुदाय का आवाहन करते हुए यह कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को अलग-थलग कर देना चाहिए। उनके खिलाफ प्रतिबंध भी लगाए जाने चाहिए।

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भारत और विश्व के कई देश आतंकवाद से जूझते हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जो लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देते हुए दूसरों की उन्नति में बाधक बनना चाहते हैं। शनिवार को भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने वैश्विक समुदाय का आवाहन करते हुए यह कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को मिलकर अलग-थलग करें और उनके खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाएं।आतंकवाद की समस्या पर चिंता जताते हुए उन्होंने अपील की कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते के भारत के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को अपनाया जाए।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को वैश्विक समुदाय की बैठक मेंकहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। उपराष्ट्रपति ने लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान की ओर से आयोजित एक डिजिटल समारोह में कई प्रमुख बातें कहीं नायडू ने यह भी कहा, ” कोई देश आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है और अब ठोस कार्रवाई का समय है उन्होंने कहा संयुक्त राष्ट्र में सुधार की और अधिक समावेशी और न्याय संगत वैश्विक व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है…” पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देते हुए नायडू ने कहा, ” वह भारत के महान सपूत थे जो एक असाधारण परिवार से प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे और फिर भी सहजता और मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखा!.. ” नायडू ने सभी देशों को विशेष रूप से दक्षिण एशिया में शांति को बढ़ावा देने,गरीबी उन्मूलन, जनता की सामाजिक आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने और आतंकवाद के खतरे का सफाया करने के लिए सभी देशों की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सभी देशों को अब एक साथ आ जाना चाहिए।

Image Source: Tweeted by @VPSecretariat

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