भारत और चीन के बीच विवाद समाप्त नहीं हुआ है और चीन लगातार विश्व भर में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश कर रहा है। इसी बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कड़ा संदेश देते हुए चीन की नीतियों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हिंद प्रशांत गठजोड़ की अवधारणा किसी देश के दबदबे को खारिज करने और इस बात पर जोर देने की है कि दुनिया को कुछ देशों के फायदे के लिए फ्रिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्लोबल टाउन हॉल के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह भविष्य का एक संकेत है ना की अतीत में झांकने का!
हम आपको बता दें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह बयान उस समय आया है, जब चीन इस क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगा है और उसका यह रवैया लगातार वैश्विक ताकतों के बीच चिंता का विषय बन चुका है। उन्होंने हिंद प्रशांत गठजोड़ की अहमियत का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी तार्किक मान्यता बढ़ रही है। अब इसे व्यवहारिक रूप देने की आवश्यकता है यह काम क्वाड जैसे बहुपक्षीय कूटनीतिक परामर्श या ईस्ट एशिया सम्मिट 2019 में भारत द्वारा पेश भारत प्रशांत गठजोड़ की पहल से ही हो सकता है।
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