GDP गिरकर 4.5 फ़ीसदी पर पहुँची, भारत की अर्थव्यवस्था पिछले 6 सालों में सबसे बुरी हालत में

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देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बताते हुए सरकार और उनके मंत्री कितने भी दावे करें लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। अर्थव्यवस्था को लेकर आये आधिकारिक आँकड़े देश की ख़स्ताहाल अर्थव्यवस्था का पक्का सबूत दे रहे हैं। इन आंकड़ों की मानें तो इस साल जुलाई से सितम्बर के बीच मे देश की GDP पिछले 6 सालों की तुलना में सबसे ज्यादा बुरी हालत में रही है। इस दौरान देश की GDP मात्र 4.5 फ़ीसदी रही। अगर तुलना की जाए साल 2018 के जुलाई और अगस्त महीने की तो उस वक़्त देश की GDP 7 फ़ीसदी पर थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये तक था। इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर मात्र 4.5 प्रतिशत रही।

बीते तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 4.3 प्रतिशत रहा था। जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत पर थी। हाल ही में खबर सामने आई थी कि देश में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत घटा है जो आर्थिक मंदी को इशारा करता है। आठ प्रमुख उद्योगों में से छह में अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गयी थी। देश में कोयला उत्पादन अक्टूबर में 17.6 प्रतिशत, कच्चा तेल उत्पादन 5.1 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 5.7 प्रतिशत गिरा है।

सरकार लोगों का ध्यान भले ही गिरती अर्थव्यवस्था से हटाने का प्रयास कर रही हो, लेकिन ये आँकड़े सरकार के सभी दावे खोखले साबित करते नज़र आ रहे हैं।

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