आतंकवाद एक ऐसा अभिशाप जिससे भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व परेशान है। इसी बीच, आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पांच देशों के समूह ब्रिक्स ने वार्षिक सम्मेलन में अपनी नई ऐंटी टेररिज्म नीति का ऐलान किया है। जिसके तहत आतंकवादी नेटवर्कों के वित्तीय चैनलों को बंद करने समेत ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की रणनीति का जिक्र किया गया है।
मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ उठाया आवाज
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को विश्व की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा, ‘आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए। हमें खुशी है कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स काउंटर टेररजिज्म स्ट्रेटिजी को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा।’
आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर होगी करवाई
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोलसोनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने भाग लिया था। ‘आतंकवाद निरोधक रणनीति’ नामक दस्तावेज में ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) ने कहा कि वह आतंकवादी गतिविधियों को आयोजित करने, उकसाने, सहायता देने, आर्थिक मदद देने और बढ़ावा देने में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ ठोस कदम उठाने पर विचार करेगा।
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