तनिष्क ने फिर चलाया हिंदू विरोधी प्रोपेगंडा, हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का लगा आरोप

तनिष्क हमेशा से ही हिंदू विरोधी विज्ञापन चलाने में आगे रहा है। अब खबर आ रही है अपना एक और ऐसा विवादित विज्ञापन जारी किया है। जिसके द्वारा अब फिर भी समाज तनिष्क बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि विवाद बढ़ने पर इस विज्ञापन को भी वापस ले लिया गया है।

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तनिष्क हमेशा से ही हिंदू विरोधी विज्ञापन चलाने में आगे रहा है। अब खबर आ रही है अपना एक और ऐसा विवादित विज्ञापन जारी किया है। जिसके द्वारा अब फिर भी समाज तनिष्क बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि विवाद बढ़ने पर इस विज्ञापन को भी वापस ले लिया गया है।

कंटेंट भारत में लगातार बहुत सारे लोग हिंदू समाज के खिलाफ खड़े रहे हैं और हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने के लिए तैयार रहते हैं। बहुत सारे संगीतकार लेखक, कवि, पत्रकार चिंतक ऐसे हैं जो लगातार हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और हिंदुओं की आस्था ऊपर प्रहार करते हैं। इसके अलावा हमारे यहां पर बहुत सारी ऐसी कंपनियां और ऐसी टीवी चैनल्स भी हैं जो हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का काम करते हैं। इन्हीं में एक नाम आता है प्रसिद्ध ज्वेलरी की कंपनी तनिष्क का ! तनिष्क कंपनी ने कुछ समय पहले एक ऐसा विज्ञापन बनाया था जिसने लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा था। कुछ समय बाद ही हरियाणा के बल्लभगढ़ में एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया। इसी बीच कनिष्क ने एक नया विज्ञापन जारी किया है। इस विज्ञापन में शुरू होते ही एक महिला आती है और कहती है यकीनन कोई पटाखे नहीं!… मुझे नहीं लगता किसी को पटाखे जलाने चाहिए!.. इसके बाद दो-तीन महिलाएं भी अपनी बात रखते हैं। आखिर में इकट्ठा होकर खिलखिलाती नजर आती हैं। बस यहीं पर ऐड खत्म हो जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस विज्ञापन के बहिष्कार की मांग तेज होने लगी है। लोगों का कहना है कि हमें किस प्रकार दिवाली मना नहीं है? यह हम जानते हैं तुम्हें अपना सामान बेचना है तो केवल अपने सामान को बेचने पर ध्यान दो।

इससे पहले भी तनिष्क ने एक ऐसा ऐड जारी किया था जिसमें एक हिंदू महिला मुस्लिम परिवार में थी और उसका गोद भराई संस्कार हो रहा था। इसके द्वारा धर्मनिरपेक्षता का ढोंग रचना की कोशिश तनिष्क के द्वारा की गई थी। लेकिन बाद में जब निकिता की हत्या तौसीफ नाम के एक लड़के ने कर दी, और इससे पूरे मामले से पर्दा हट गया!..वास्तव में किसी धर्म को अपने त्यौहार अपने उत्सव किस तरह मनाने हैं यह केवल उस धर्म के लोग जानते हैं!. ना कि उन्हें यह बताने की आवश्यकता है कि किस प्रकार से उन्हें त्योहार मनाने चाहिए?

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