शून्य से शिखर तक पहुंचने वाले भारतीय राजनीति के चाणक्य की कहानी

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भारतीय जनता पार्टी के चुनावी इतिहास में एक नवल पृष्ठ जोड़ने वाले अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को गुजरात के मनसा नगर सेठ के यहां हुआ था। 2019 के लोकसभा चुनाव से हर कोई वाकिफ है इस चुनाव में पहली बार किसी को है कांग्रेस की पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने रिकॉर्ड तोड़ वोटों से जीत हासिल की। भारतीय जनता पार्टी को इस स्तर तक पहुंचने के लिए 35 साल लग गए। लेकिन जब यह जीत हासिल कोई तो इस जीत का श्रेय गया प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के बल पर 15 राज्यों में पार्टी को अकेले 50% से अधिक वोट मिले। और इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी में और तेजी के साथ बदलता हुआ मोदी शाह युग।

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को बड़ौदा की छोटी-सी रियासत मनसा के नगर सेठ के यहाँ हुआ था। महर्षि अरविंद एक बार इनके घर में पधारे थे और जिस कुर्सी पर महर्षि अरविंद बैठे थे। वह आज भी धरोहर की तरह सुरक्षित रखी गई है। परिवार के द्वारा अमित शाह को अच्छे संस्कार प्राप्त हुए और अपनी मां की प्रेरणा से उन्होंने इतिहास जीवनी तथा महाकाव्यों का अध्ययन किया। मां की प्रेरणा से उन्होंने खादी पहनना शुरू। अमित शाह ने 16 वर्ष की अवस्था में स्वयंसेवक बनने का निर्णय लिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गुजरात इकाई में संयुक्त महामंत्री बने और 1984 में अहमदाबाद के नारायणपुर वार्ड में बूथ एजेंट की जिम्मेदारी संभाली। पहली बार बूथ संख्या 263 के प्रभारी बने। साहिर लुधियानवी तथा कैफ़ी आज़मी की शायरी के प्रशंसक रहे, अमित शाह संगीत के प्रेमी है और यदि खेल की बात करें तो शाह का प्रिय खेल क्रिकेट तथा शतरंज है।

शक्तिशाली व्यक्तित्व के धनी गृहमंत्री

भारत के गृह मंत्री अमित शाह एक अतुलनीय व्यक्ति हैं और उनके बारे में बता पाना बेहद ही असंभव का रहे। अमित शाह के व्यक्तित्व को हम केवल इस बात से पहचान सकते हैं कि अमित शाह ने एक योजना प्रारंभ की उसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय विस्तारक योजना का नाम दिया गया। इसके अंतर्गत 15 दिन 6 महीने और 1 साल के लिए पार्टी को अपना पूरा समय देने वाले कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक पहुंचने का प्रशिक्षण दिया गया। इन्हीं कार्यकर्ताओं को भाजपा में विस्तारक का नाम दिया गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी एक विस्तारक के नाते पांच राज्यों में 15 दिनों का अपना प्रवाह सुनिश्चित किया। उसमें पश्चिम बंगाल भी था इसकी शुरुआत उन्होंने नक्सलबाड़ी स्थित बूथ संख्या 93 से की जब लोगों ने पूछा कि अमित शाह ने इस योजना का प्रारंभ नक्सलबाड़ी क्षेत्र से क्यों किया? तब कैलाश विजयवर्गीय ने यह बताया था, ” अमित शाह ने मुझसे पूछा था कि सबसे कठिन क्षेत्र कौन सा है? वहीं से शुरु करते हैं। और अमित शाह का यही कार्य था जिसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 18 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त हुई।”

अमित शाह की अद्भुत रणनीति

अमित शाह की अगुवाई में जिन राज्यों में भाजपा तथा कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था उन राज्यों में भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया कई राज्यों में कांग्रेस अपना खाता भी खोलना था कि जिन्ना गुजरात राजस्थान हिमाचल उत्तराखंड हरियाणा इसका धारण बना जहां त्रिकोणीय त्रिकोणीय मुकाबला कांग्रेस के हाथ एक या दो सीटें लगी। करीब 6 महीने पहले मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बंपर वोटों के साथ जीत दर्ज कराने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में वहां अच्छा प्रदर्शन न कर सकी।

अमित शाह के प्रेरक वाक्य

रोहतक में बीजेपी के विस्तारकों की सभा को सम्बोधित करते हुए शाह ने कहा था कि “मैं नहीं चाहता कि तुम लोग पार्टी को जीताने के लिए काम करो या किसी को सीएम या पीएम बनाने के लिए मेहनत करो, मैं चाहता हूँ कि तुम भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए कम करो।” शाह का समपर्ण देश के लिए राजनीति से बहुत ज्यादा है।

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