पंजाब में विधानसभा में पारित हुए चार कृषि संबंधी विधेयकों के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ” मैं अपनी सरकार को बर्खास्त किए जाने से नहीं डरता हुँ, इस्तीफा मेरी जेब में है इसीलिए मेरी सरकार को बर्खास्त करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।” पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह ने कहा, विधानसभा में सभी पार्टियों ने कृषि कानून को लेकर एकजुटता दिखाई है। राज्यपाल बी पी सिंह बदनोर से मुलाकात के बाद एक सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा, “मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता हूं मुझे अपनी सरकार के बर्खास्त हो जाने का भी डर नहीं है। किसानों को दुखों की भट्टी में झोंकने या बर्बाद होने की इजाजत में नहीं दूंगा!” कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि मोदी सरकार इससे सबक लेगी और पंजाब की भावनाओं को समझेगी। कैप्टन ने आशंका भी जताई कि कृषि कानून रद्द न किए गए तो फिर गुस्साए युवा, किसानों के साथ सड़कों पर उतर सकते हैं। कैप्टन इसके साथ ही किसानों से अपील की कि वह रेल रोको आंदोलन खत्म करें और यातायात बहाल करके राज्य की मदद करें।
Passage of the our 4 Bills today is truly a victory of Punjab. I am happy that all parties came together & supported our Bills for protecting farmers against Anti-Farmer Laws passed by the Centre. I stand committed to my farmers and will not let anyone destroy their livelihoods. pic.twitter.com/qiMiNWEIXA
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 20, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र कृषि कानूनों से पंजाब को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि क्या यह न्याय पूर्ण है? इन कानूनों की पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य जिसका आज सामना कर रहा है उसके बीज़ तो शांताकुमार कमेटी ने 2015 में ही बो दिए थे। इसके पहले कृषि विधेयकों की चर्चा के समय कैप्टन ने कहा कृषि कानूनों के नाम पर वास्तव में केंद्र ने व्यापार कानून बनाए हैं। राष्ट्रीय मंडियों तक पहुंच किसानों की नहीं बल्कि व्यापारियों की है। इन कथित कृषि कानूनों में ट्रेड एरिया शब्दों का इस्तेमाल कहीं भी नहीं किया गया है।
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