लगातार मध्यप्रदेश में विवादित बयानों का सिलसिला जारी है। कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी की एक महिला प्रत्याशी के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के ही मंत्री ने कांग्रेस पार्टी के एक नेता की पत्नी को रखैल बता दिया। वही अब दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की नेता तथा मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने मदरसों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा, “बच्चों को समान शिक्षा दी जानी चाहिए। धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता फैला रही है। नफरत फैला रही है ऐसे मदरसे जो हमें राष्ट्रवाद और समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ सकते हमें उन्हें ही सही शिक्षा से जोड़ना चाहिए और समाज को सब की प्रगति के लिए आगे ले जाना चाहिए। उषा ठाकुर ने कहा कि असम में मदरसे बंद करके दिखा दिया है कि राष्ट्रवाद में बाधा डालने वाली चीज है। राष्ट्र हित में बंद होनी चाहिए। मदरसों को मिलने वाली सरकारी मदद बंद होनी चाहिए। अगर कोई निजी तौर पर अपने धार्मिक संस्कार किसी को देना चाहता है तो उस संविधान उसकी इजाजत देता है। “उन्होंने कहा, पाकिस्तान में 14% हिंदू था इसलिए अब 1 फ़ीसदी हो गया है, ऐसे यातना सहने वालों को नागरिकता दी जाती है तो कांग्रेस को तकलीफ होती है ऐसे राष्ट्र जो ही चेहरे बेनकाब होने चाहिए। “
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के मंत्री ने कमलनाथ पर बयान देते हुए कहा, “यह कमलनाथ ने कहा था कि मदरसे के इमाम को 5000, मुअज्जिन को 4500 सैलरी दी जाएगी। वक्फ बोर्ड आर्थिक दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। यहां कोई व्यवस्था करनी है तो उन्हीं के माध्यम से की जा सकती है। सरकार का इस पर अतिरिक्त खर्च दूसरे वर्गों का हक छीनने वाली बात है। कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि निजी स्वार्थ के लिए वह धर्म प्रथा व्यवस्था सब कुछ बलिदान कर देंगे। “