दिल्ली में बदलते मौसम के साथ साथ प्रदूषण का मीटर भी बढ़ रहा है मतलब साफ शब्दों में कहें तो दिल्ली में फिर से प्रदूषण का मौसम आ गया है। अक्टूबर-नवंबर आते ही दिल्ली की हवा में बदलाव आने लगते हैं और मौजूदा सरकार प्रदूषण को कंट्रोल करने की जद्दोजहद में लग जाती हैं।
दिल्ली में सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदूषण लगातार तेजी से अपने पैर फैला रहा है और रोज एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो रहा है। आपको बता दें देश की राजधानी में वायु प्रदूषण पिछले 8 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है। मंगलवार को दिल्ली की हवा सबसे खराब श्रेणी में दर्ज की गई जोकि सरकार और प्रत्येक दिल्ली वासी के लिए चिंता का विषय है।
जानकारों की मानें तो इसके लिए काफी हद तक हवा का शांत रहना और कम तापमान जिम्मेदार रहा, जिसके कारण प्रदूषक कण इकठ्ठा हुए और वायु की गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की गई।
दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर सुबह नौ बजे 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा जो शाम पांच बजे तक 293 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया। भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे पीएम 10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के नजदीकी क्षेत्रों में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि भी देखी गई है लेकिन इसका राजधानी में वायु गुणवत्ता पर प्रभाव कम था। दिल्ली में सुबह में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया और यह दोपहर 11 बजे 306 दर्ज किया गया। इसके बाद प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी आयी। चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई शाम चार बजे 300 दर्ज किया गया, जो कि ”खराब” श्रेणी में आता है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बदलते मौसम के साथ वायु प्रदूषण का अधिक स्तर कोविड-19 महामारी को भी बढ़ा सकता है।