कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा असर पड़ा है। भारत सरकार अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए संकल्पित है। इसी बीच एक स्टडी से सकारात्मक परिणाम आया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक भारत की अर्थव्यवस्था जापान को भी पीछे छोड़ दुनिया के तीसरी सबसे बड़ी इकोनामिक बन जाएगी। मेडिकल जनरल lancent की स्टडी ने वर्किंग एज पापुलेशन के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। स्टडी की माने तो 2050 तक भारत जापान को छोड़ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक चीन की इकोनामी अमेरिका से भी बड़ी हो जाएगी।
लैंसेट ने 2017 को माना बेस ईयर
लैंसेट ने अपनी स्टडी में 2017 को बेस ईयर माना है। 2017 में भारत की इकोनामी विश्व में सातवें नंबर पर सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। लैंसेट ने इसी के आधार पर 2050 तक भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बताया है।
2017 में भारत की अर्थव्यवस्था सातवें नंबर पर थी इसके हिसाब से 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था चौथे नंबर पर आ जाएगी।पहले नंबर पर अमेरिका उसके बाद चीन और बाद में भारत और जापान का नंबर दिया गया है। वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था पूरे विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 2050 तक भारत जापान को पीछे छोड़ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।
2025 तक 5 ट्रिलियन इकोनामी का लक्ष्य
भारत 2025 तक 5 ट्रिलियन इकोनामी के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। चुनावी जनसभा और रैलियों में भी इसका जिक्र प्रमुखता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा चुका है। विपक्ष इसी बात को लेकर हमलावर भी रहता है। परंतु आज भी भारत पुरे विश्व मे पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है।
बीते दिनों नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने भी कहा था कि 2047 तक भारत दुनिया का तीसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाना चाहिए। केंद्र सरकार लगातार इस बात पर जोर भी देती आ रही है। जापान सेंटर फॉर इकोनामिक रिसर्च ने 2019 में यह कहा था कि 2029 तक भारत अर्थव्यवस्था का तीसरा सबसे बड़ा देश बन जाएगा।
मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर तत्परता से कार्य कर रहे हैं। लगातार वह जनसभाएं और रैलियों में भारत को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए कई वादे कर चुके हैं। हालांकि कोरोनावायरस के कारण सभी देशों की अर्थव्यवस्था गहरी चोट पहुंची हुई है, जिसे भारत भी अछूता नहीं है।