लगातार किसान विधेयकों को लेकर भारतीय जनता पार्टी को खींचा जा रहा है। विपक्ष पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खड़ा हो गया है और भाजपा की सरकार को किसान विरोधी बताया जा रहा है। इसी बीच दोनों विधेयक लोकसभा से पास हो गए थे और अब यह दोनों राज्यसभा में बिल पास हो चुके हैं। हालांकि यह दोनों बिल काफी हंगामे के बाद राज्यसभा में पास हुए। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के सामने रूलबुक को भी फाड़ दिया। इन बिलों पर चर्चा करते हुए के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा यह दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होंगे इन विधायकों से किसानों को महंगी फसल उगाने का अवसर मिलेगा।
इस बिल का समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने विरोध किया है वहीं जेडीयू ने इस बिल का समर्थन भी किया है। राज्यसभा में एनडीए को बहुमत नहीं है इसके साथ एनडीए के घटक दल शिरोमणि अकाली दल के नेता भी इन विधेयकों के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं। शिवसेना की राज्यसभा सांसद ने कहा, जब पूरा देश लॉकडाउन में घर में बैठा था तो किसान खेत में काम कर रहा था। इसलिए हम आज अनाज खा रहे हैं। इस बिल के पास होने के बाद इनकम डबल हो जाएगी और किसान आत्महत्या नहीं करेगा और उनके बच्चे भूखे नहीं सोएंगे। अब आप आश्वस्त करते हैं तो यह सरकार की सबसे सफलता होगी। इस बिल को लेकर पूरे देश में विरोध नहीं हो रहा है इस बिल को लेकर जरूर कोई भ्रम है। क्या केन्द्र मंत्री ने एक अफवाह की वजह से इस्तीफा दे दिया? क्या वो कान के इतने कच्चे थे? अभी तो शुरू नहीं किया आप खत्म करने के लिए कह रहे हैं। खेती धीरे-धीरे कॉरपोरेट के हाथ में जा रही है।
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