भारतीय सैनिकों की बड़ी विजय, ऊँचाई से चीनी सैनिकों की हरकतों पर रखी जा सकेगी नजर

भारत-चीन सीमा तनाव के बीच भारतीय सेना ने लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र की 6 चोटियों पर बीते 3 हफ्तों में कब्जा कर लिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, इन चोटियों पर चीन की सेना की नजर थी, लेकिन उससे पहले ही भारतीय सेना ने इनपर कब्जा कर लिया है। ये सभी चोटियां भारतीय सीमा के अंदर हैं।

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भारत चीन सीमा विवाद के बीच भारतीय सैनिकों ने एक अच्छा कदम चलकर चीन की सारी ताकत को हिला दिया है। यह बताया जा रहा है कि भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना ने लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र की छह चोटियों पर पिछले तीन हफ्तों में कब्जा कर लिया है। जिसके बाद अब भारतीय सेना चीनी सैनिकों की हरकतों पर नजर रख सकेगी। ये चोटियां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएएसी) वाले क्षेत्र में आती हैं। सूत्रों के मुताबिक इन चोटियों पर चीन की सेना की नजर थी लेकिन उससे पहले ही भारतीय सेना ने इनपर कब्जा कर लिया है। ये सभी चोटियां भारतीय सीमा के अंदर हैं। भारतीय सेना ने मगर हिल, गुरुंग हिल, रेचेन ला, रेजांग ला, मोखपारी और फिंगर चार के पास अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। 

समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक भारतीय सेना के अलावा चीनी सेना भी इन छह चोटी पर अपना कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही थी। लेकिन उससे पहले ही भारतीय सेना ने अपनी ताकत के बल पर इन छह चोटियों को अपने कब्जे में कर लिया। जिसके लिए चीन ने हवाई फायर भी किए थे। सूत्रों के अनुसार चीनी सेना की ऊंचाइयों पर कब्जे की कोशिशों को नाकाम करने के दौरान पेंगोंग के उत्तरी तट से झील के दक्षिणी किनारे तक कम से कम तीन मौकों पर हवा में गोलियां चलाई गईं। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पहाड़ी क्षेत्र एलएसी के चीनी हिस्से पर हैं, जबकि भारतीय सेना द्वारा कब्जा की गई ऊंचाइयां भारतीय क्षेत्र में एलएसी पर हैं। चीन की इन सभी हरकतों पर भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) बीपिन रावत और सेना अध्यक्ष एम. एम. नरवणे लगातार नजर बनाए हुए हैं।

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