आज 28 साल से चल रहे बाबरी का विवादित ढांचा गिराने वाले मुकदमे का अंत हो गया। लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। जज एसके यादव ने अपने फैसले की शुरुआत में कहा कि यह घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। यानी आरोपियों ने पहले से इसकी साजिश नहीं रची थी अशोक सिंघल के बारे में जज ने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है जो तस्वीरें पेश की जा रही हैं उन्हें सबूत नहीं माना जा सकता। लखनऊ में हुई इस सुनवाई में 26 आरोपी मौजूद रहे हालांकि आडवाणी, जोशी, उमा भारती को संक्रमण को देखते हुए छूट दी गई थी। इस ऐतिहासिक फैसले को सीबीआई के विशेष जज एसके यादव ने सुनाया जिनके कार्यकाल का यह अंतिम फैसला था।
महेंद्र नृत्य गोपाल दास की तबीयत बिगड़ चुकी है इसी कारण वे कोर्ट में पेश नहीं हो सके । उनके उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनकी नियमित मेडिकल जांच हो रही है। यह माना जा रहा है कि यह फैसला करीब 2000 पेज का है। सीबीआई अभियुक्तों के वकील ने ही करीब साढे 800 पेज के लिखित बहस दाखिल की है। इसके अलावा कोर्ट के सामने 351 गवाह सीबीआई ने परीक्षित किए हैं। इसके अलावा 600 से अधिक दस्तावेज भी पेश किए गए हैं। विशेष जज एसके यादव के कार्यकाल का आज अंतिम फैसला है। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने तक उन्हें अवसर विस्तार दिया था।