एक समय था जब कलर्स पर आने वाला बालिका वधू सीरियल लोगों के दिल की धड़कन बन गया था। लेकिन कहते हैं कि समय का कुछ पता नहीं कब समय करवट ले और कब व्यक्ति अमीर से गरीब और गरीब से अमीर बन जाए? कुछ ऐसा ही नजारा डायरेक्टर रामवृक्ष के साथ देखने को मिल रहा है बालिका वधू, कुछ तो लोग कहेंगे, सुजाता जैसे कई टीवी सीरियल के निदेशक रह चुके रामवृक्ष गौड़ आज माया नगरी मुंबई की चमक-दमक से दूर अपने गांव आजमगढ़ में सब्जी बेचने को मजबूर हो गए हैं। उनके जीवन की दास्तान किसी फिल्मी दास्तान से कम नहीं है। एक व्यक्ति जो कभी छोटे पर्दे के कलाकारों के मेरा रहता था आज वह सब्जी बेचने के लिए मजबूर हो गया है। यह बताया जा रहा है कि मार्च के महीने में वे अपने गांव में समय किसी काम से आए थे। लेकिन देशव्यापी लॉकडाउन लगने के कारण उनके प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया और उनका जीवन पलट गया।
पैसे की कमी के कारण प्रोड्यूसर ने सारे प्रोजेक्ट को 1 साल के लिए टाल दिया। कोई काम न होने के कारण उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा और परिवार की आजीविका चलाने के लिए मजबूरन सब्जी बेचने लगे। रामवृक्ष के पिता भी सब्जी बेचने के व्यवसाय से जुड़े थे और वे इस काम में उनकी मदद करते थे। इसीलिए आर्थिक तंगी से निबटने के लिए उन्हें सब्जी बेचना सबसे अच्छा काम लगा। करीब 18 साल पहले आजमगढ़ से मुंबई अपने भविष्य को बनाने के लिए गए थे। एक समय तक मुंबई में अपने आप को स्थापित किया लेकिन अब किस्मत ने करवट ली और सब्जी बेचने के कारण विवश होना पड़ा।
रामवृक्ष ने बालिका वधू, इस प्यार को क्या नाम दूं, कुछ तो लोग कहेंगे, हमारी सौतन हमारी सहेली, आम जिंदगी, हमारी देवरानी, थोड़ी खुशी थोड़ा गम, पूरब पश्चिम, जूनियर जैसे सीरियल का निर्माण किया है। टीवी एक्टर अनूप सोनी ने रामवृक्ष को लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट किया और वह उनकी मदद करना चाहते हैं| बालिका वधू का हिस्सा रहे, अनूप स्वामी ने मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए लिखा, “यह बहुत दुखद है हमारी बालिका वधू की टीम को पता चला है और हम हम उनकी मदद करने के लिए उनसे संपर्क करना चाहते हैं। एक टीवी इंटरव्यू के दौरान अनूप सोनी ने बताया रामवृक्ष ने शो में दूसरी यूनिट के निर्देशन के रूप में काम किया है। बालिका वधू की टीम में उनके अकाउंट का पता करने की कोशिश कर रही है। ताकि वे उनसे मदद कर सकें!”