उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर हो चुका है। उसके गुनाहों की किताब बंद हो चुकी है। लेकिन अभी भी उसके किस्सों की गवाही उसका गांव, उसके पडोसी और उससे जानने वाले लोग दे रहे हैं। कुख्यात अपराधियों की श्रेणीे में सबसे पहले नंबर पर आने वाला ये अपराधी फिल्मों की तरह व्यवहार करता था। फिल्मों के खलनायकों की डायलॉग बोला करता था। विकरु कांड की जाँच में जुटी पुलिस ने अभियुक्त गोपाल सैनी से जब पूछताछ की तो ये पता चला कि विकास दुबे फिल्मों का दीवाना था। यह तो सभी लोग जानते हैं कि विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर किस तरह पुलिसकर्मियों की हत्या की थी हालांकि उन पुलिसकर्मियों की हत्या में कुछ पुलिस कर्मियों का भी हाथ था जिन पर अभी योगी सरकार ने मुकदमा दायर कर दिया है। विकास दुबे के एनकाउंटर पर भी देशभर में सवाल उठे थे, और जिसकी जांच अभी भी चल रही है।
बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास को एनकाउंटर में मार गिराया था और उसके प्रमुख साथी गोपाल सैनी को गिरफ्तार किया था। गोपाल ने पूछताछ में बताया कि विकास दुबे फिल्म प्रेमी था। उसने सनी देओल की फिल्म अर्जुन पंडित देखने के बाद विकास ने अपने नाम के आगे पंडित जोड़ लिया था। वह अपने हथियारबंद दोस्तों प्रभात मिश्रा, अतुल दुबे, शशिकांत, प्रेम कुमार हीरा दुबे, जिलेदार आदि के बीच ऐसे बैठा करता था जैसे वह कोई डॉन हो। विकास फिल्म वेलकम के नाना पाटेकर, उदय शेट्टी के किरदार से भी खूब प्रभावित था। फिल्म में उन्हें जिस अंदाज में बोल बल्लू कहता था उसी अंदाज में विकास अपने नौकर दयाशंकर अग्निहोत्री को बोल कल्लू कह कर बुलाता था।
वह कल्लू से पूछता बोल कल्लू मेरे यह अंगरक्षक क्या कर सकते हैं? खुद ही जवाब देता यह मेरे लिए किसी की जान भी ले सकते हैं, दे भी सकते हैं। यह बताया जा रहा है कि यह डायलॉग विकास दुबे एक दो बार दिन में जरूर दोहराता था। विकास ने अपने कई खास लोगों को केवल इसलिए मार दिया क्यों कि उसके उनसे मतभेद थे। सलमान की दबंग देखने के बाद उसने खुद को दबंग पंडित कहलवाना शुरू किया था। पुलिस कर्मी हत्याकांड से पहले फिल्म बाहुबली देख कर उसने अपने साथियों से खुद को बाहुबली कहलबाना शुरू किया था पिछले दिनों विकास दुबे की एक वीडियो बहुत चर्चित हुई जिसमें वह दंगल में यह कहते सुना जा सकता था कि दंगल हांक दिया हमने जिसमें दम हो सामने आ जाए।